लॉकडाउन से बढ़ रहें मानसिक तनाव से पति-पत्नि के बीच रिश्तों में कड़वाहट
काउंसलिंग और योग से सुलझ सकते हैं मामले
गणेश सोनकर
रायपुर, 18 अगस्त 2020। कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच घरों में बंद लोग परेशान हो रहे हैं जिसके कारण बेवजह परिवार में झगडे होने लगे हैं। झगड़े पति-पत्नि के रिश्तों में दूरियां, और कड़वाहट भी पैदा कर रहे हैं। ज्यादातर मामलों में पति और पत्नी को लेकर आपसी विवाद सामने आ रहे हैं जो मामूली बात से शुरू होकर विवाद बनकर उभर रहे हैं ।
शिकायतों में काउंसलिंग से 75 फीसदी मामले सुलझ जाते हैं तो लगभग 20 से 25 फीसदी मामलों में कोर्ट जाने की नौबत आ जाती हैं। अब तक 17 मामलों में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है ।
मनोचिकित्सक डॉ.अविनाश शुक्ला बताते हैं कि लॉकडाउन के बीच परिवार में लोग डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। डिप्रेशन या मानसिक अवसाद के कारण परिवार के सदस्य एक दूसरे पर गुस्सा कर चिल्लाने लगते हैं, बाहर घूमने व मनोरंजर के अवसर नहीं होने और लंबे वक्त से घर में रहने से ऐसा हो रहा है, लोग ज्यादातर समय छोटे कमरों में बिता रहे हैं जिस वजह से नकारात्मक विचार आ रहे हैं और इमोशनल लगाव पीड़ा में बदल रहा है।
डॉ. शुक्ला के मुताबिक स्पर्श क्लीनिक में हर महीने 60 से अधिक लोग डिप्रेशन का इलाज कराने पहुंच रहे हैं। ऐसे में इस स्थिति को बदलने पर काम करने की ज़रुरत है जिससे विवाद को कम किया जा सकता है | उन्होंने कहा कि अगर परिवार में झगडा भी होता है तो भी पॉजीटिव रहने की ज़रुरत है, झगड़ने की बजाय शांत होकर एक दूसरे की भावनाओं व परेशानियों को समझे, विवाद को हल करने के लिए काउंसलर का सहारा ले सकते हैं। सबसे बेहतर है आपस में बात करें।
इस वर्ष लॉकडाउन के बाद ऐसी शिकायतों में इजाफा हुआ है और पति-पत्नी के बीच विवाद सहित घरेलू हिंसा के ज्यादा प्रकरण सामने आ रहे हैं। आंकडों के अनुसार इस वर्ष में जनवरी में 260, फरवरी में 240, मार्च में 50, अप्रेल में 80, मई में 100, जून में 350 तो जुलाई में 300 शिकायतें दर्ज की गयी हैं।
लॉकडाउन में नौकरी चली जाना और आर्थिक तंगी भी मानसिक रुप से तनाव पैदा कर रही है। इससे आपसी रिश्तों में कड़वाहट बढ रही है। महिला थाना टीआई मंजू राठौर से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतों में पत्नी के चरित्र पर शंका, शराब पीकर मारपीट, सास बहु में अनबन सहित आर्थिक तंगी भी परिवारों के बीच कलह की वजह बन रही है। राजधानी के महिला थाने में दर्ज शिकायतों के अनुसार इस वर्ष जनवरी से जुलाई तक घरेलू विवाद के 1380 मामले सामने आए हैं जबकि वर्ष 2019 में राजधानी के महिला थाने में इस प्रकार की 2000 शिकायतें आयी थी।
सामाजिक कार्यकर्ता काउंसलर श्रीमती अनिता खंडेलवाल भी काउंसलिंग कर रिश्तों को मजबूत करने में योगदान देती हैं। लॉकडाउन के बीच एकल परिवार में कोई समझाने वाला बड़ा बुजुर्ग नहीं होने से झगड़े सुलझने की बजाय बढ़ रहे हैं। शहरी कल्चर की जीवन शैली और लोगों का रोजगार चला जाना, कमाई से ज्यादा खर्च भी तनाव के मुख्य कारण बनते हैं। ऐसे में मानसिक तनाव को दूर करने के लिए और एकाग्रता के लिए मेडिटेशन व योग करना जरुरी है। काउंसलिंग से ज्यादातर मामले सुलझ जाते हैं।
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