HIV संक्रमित नाबालिग बच्चियों को कमरे में बंद कर पीटा

प्रफुल्ल ठाकुर

छत्तीसगढ़ सरकार में गजब मर्द अफसर हैं भाई। बिलासपुर की ‘अपना घर’ संस्था संस्था में रह रहीं 14 HIV संक्रमित नाबालिग बच्चियों के साथ महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी सुरेश सिंह, पार्वती वर्मा और सरकंडा थाने का टी आई सनी परात्रे ने कमरे में बंद कर मारपीट की है। बच्चियों को लहूलुहान होते तक मारा गया है। कमरे में अभी भी खून के छीटे और अबोध बच्चियों की टूटी हुई चूड़ियां-कंगन पड़े हैं। इनमें से की बच्चियां मानसिक रूप से कमजोर हैं। उन बच्चियों को भी नहीं बक्शा गया है।

बच्चियां ‘अपना घर’ घर छोड़ना नहीं चाहती और अधिकारी हैं कि उन्हें संस्था खाली कराने पर आमादा हैं। अधिकारियों की यह जबरदस्ती केवल इसलिए, क्योंकि उन्हें मांगने पर रिश्वत नहीं दी गई। बिना नोटिस के अधिकारी आज संस्था खाली कराने पहुंच गए और बच्चियों, संस्था की अधीक्षक और अधिकवक्ता प्रियंका शुक्ला के साथ जमकर मारपीट की गई। संस्था को बच्चियों से खाली करा दिया गया है। बच्चियों को बाल संप्रेक्षण गृह में भेज दिया गया है, जहां अपराधी नाबालिग बच्चों को सुधार के लिए रखा जाता है। अधिवक्ता प्रियंका शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें पहले सरकंडा थाने और बाद भी सकरी थाना ले जाया गया है। उनके खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा का मामला दर्ज किया जा रहा है।

ये कैसा देश बना रहे हैं हम। जहां न्याय मांगने वाला प्रताड़ित होता है और अन्याय करने वालों का सब समर्थन करते हैं। कैसा सड़ा हुया सिस्टम है ये और कैसी असंवेदनशील सरकार, जिसे HIV संक्रमित बच्चियों पर भी तरस नहीं आता। गुंडे अधिकारी भेजकर पीड़ित, नाबालिग और मानसिक विक्षिप्त बच्चियों के साथ मारपीट करती हैं। कैसे नपुंशक अधिकारी हैं, जो उन बच्चियों को कमरा बंद करके मारे हैं और कैसी नपुंशक सरकार है जो तमाशा तो देख रही है, मगर कुछ बोल नहीं रही है। किस तरह असंवेदनाओं के बीच हम जी रहे हैं। घिन आती है ऐसे सिस्टम पर। ऐसे अधिकारी और ऐसी सरकारों पर।।

प्रफुल्ल ठाकुर

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