छत्तीसगढ़ में पुलिस अभिरक्षा में फिर एक मौत, यहां की बेलगाम पुलिस पर कब शिकंजा कसेगी सरकार ?
एक और आदिवासी युवक की पुलिस ने ले ली जान, लटोरी चौकी प्रभारी तथा दल-बल पर परिजनों ने लगाया हत्या
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Read moreसुकमा. भारतीय कमिनिष्ट पार्टी के जिला सचिव रामा सोढ़ी ने कहा कि बस्तर जैसे सुदूर अंचलों के आदिवासी अपना जीवन
Read moreआयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड का हुआ पुनर्गठन, ‘आयुष मंत्रालय’ तथा ‘कृषि मंत्रालय’ भारत सरकार की अनुशंसा पर
Read moreयोगेश सिंह ठाकुर रायपुर । फ़र्जी जाति प्रमाणपत्र मामले को लेकर एक और शिगूफ़ा छोड़ दिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने,
Read moreमहिला आयोग के अध्यक्ष ने अधिकार से बाहर जाकर पत्रकार के खिलाफ पहले ही पेशी में किया एक पक्षीय फैसला
Read moreरायपुर । मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि दुगली आगजनी कांड में जांच के नाम पर प्रशासन द्वारा
Read moreयूकेश चंद्राकर बीजापुर छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के तहत बीजापुर के मद्देड वन परिक्षेत्र
Read moreसुकमा– वैसे आप यह ख़बर पढ़ रहे होंगे आगे पढ़ने से पहले मेरी आपसे रिकवेस्ट है यह वीडियो भी *जरूर देखें* इस वीडियो मेंकुम्हारों के ऐसे परिवार का दर्द है *दर्द* के साथ *सिसकती* आवाज में वे आपसे *कुछ कहना चाहते* हैं देखें जरूर.. क्योंकि जहांआज के आधुनिकता की दौड़ में दीपावली के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण *दीपक और लक्ष्मी गणेश* की मूर्तिया *गढ़ने वाले कुम्हार* अपने घरों को रौशन करने से वंचित है, मिट्टी के दीये की जगह *बल्ब व मोमबत्तियाें* की चकाचौंध में गुम हो रहे हैं *कुम्हार के परिवार,* और अपनी पुस्तैनी कला एवं व्यवसाय से जैसे विमुख हो रहे हैं। ऐसे परिवार हैं जहां *आर्थिक संकट* हमेशा बनी रहती है, आज केबदलते दौर में भी यहां परिवार *लाचार और बेबसी* की जिंदगी जीने को मजबूर हैं, कुम्हारों को उम्मीद है इस बार दिवाली पर्व में लोगमिट्टी के दिये खरीदेंगे, ताकि सबकी तरह कुम्हार के *घर में भी रौशनी* हो, बच्चों को *नये कपड़े* दिला सकें, बस इतनी सी हमारी*विनती है साहेब, हम गरीब हैं साहब,* मात्र दो रुपये का एक दीप है, *खरीद* लो साहब….. देखें पूरी खबर *दर्द और बेबसी* कुम्हार का परिवार के शंकर सुकमा
Read moreछत्तीसगढ़ किसान सभा ने राज्य सरकार से 10 नवम्बर से सोसाइटियों के जरिये धान खरीदने की मांग की है, ताकि कम समयावधि मेंपकने वाले धान की खेती करने वाले लघु व सीमांत किसानों को बाजार की लूट से बचाया जा सके। आज यहां जारी एक बयान में छग किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि नवम्बर माह मेंधान खरीदी न होने से किसान कम-से-कम 10 लाख टन धान का उचित मूल्य प्राप्त करने से वंचित हो जाएंगे, क्योंकि कटाई के बादछोटा किसान घर में धान जमा करके रखने की स्थिति में ही नहीं होता। इस समय खुले बाजार में उसे 1200 रुपये क्विंटल से कम कीमतमिल रही है। इससे किसानों को 1000 करोड़ रुपयों से अधिक का नुकसान होने जा रहा है। किसान सभा ने मंडियों में समर्थन मूल्य से नीचे धान बिकने पर भी कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि मंडी प्रशासन की नाक के नीचेकिसानों की लूट हो रही है और राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। मंडियों में धान का समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने की जिम्मेदारीराज्य सरकार की है। किसान सभा नेताओं ने मांग की है कि जहां समर्थन मूल्य से नीचे धान बिक रहा है, उस मंडी प्रशासन के विरूद्धसरकार कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि राज्य में मंडी अधिनियम में संशोधन के बाद भी मंडियों में किसानों की लूट जारी है, क्योंकि इसअधिनियम में न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बात ही नहीं की गई है और वास्तव में यह कृषि क्षेत्र के निजीकरण की राह आसान करता है।इसलिए यह अधिनियम प्रदेश के किसानों के साथ सरासर धोखाधड़ी है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार की कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ 5 नवम्बर को पूरे देश में चक्का जाम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़में भी छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन से जुड़े घटक संगठनों तथा छत्तीसगढ़ किसान सभा और आदिवासी एकता महासभा द्वारा पूरे प्रदेश मेंरास्ते रोके जाएंगे तथा पुतले जलाए जाएंगे। राज्यव्यापी आंदोलन में 10 नवम्बर से धान खरीदी करने और मंडियों में समर्थन मूल्यसुनिश्चित करने की मांग को केंद्र में रखा जा रहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के दुष्परिणामों से किसानों को बचानेके लिए पंजाब की तर्ज़ पर एक सर्वसमावेशी कानून बनाने की भी मांग की जाएगी। संजय पराते
Read moreराजिम तहसील अंतर्गत ग्राम सुरसाबांधा में ग्राम पंचायत एवं ग्रामसभा के पदाधिकारियों द्वारा 27 परिवारों के तैयार धान फसल को
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