सत्ता और संगठन में नेताओं कार्यकर्ताओं का छलक रहा है दर्द अफसरशाही से नाराज है कांग्रेस पार्टी के कई कार्यकर्ता-नेता

प्रकाश ठाकुर

कांकेर:- भले ही प्रदेश सरकार और संगठन इस बात की लाख दलील देते रहे है की सरकार और संगठन में सब कुछ ठीक है, किसी नेता और कार्यकर्ता के मन में रंचमात्र भी मतभेद और मनभेद नहीं है, लेकिन सरकार और संगठन में कितना ठीक चल रहा है और कितना नहीं ये तो उन पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के दर्द से समझा जा सकता है जिन्होंने सत्ता दिलाने में ईमानदारी से अपना लहू और पसीना सींचा है और आज वे सत्ता मिलने के बाद लगातार उपेक्षा से अपनी-अपनी तमाम वेदना सोशल मीडिया मंचों पर कह असलियत बयाँ कर रहे है।





गौर किया जाए तो एक मंत्री जी के हालिया बयान के बाद यूटर्न लेना ही काफी है खैरियत बताने के लिए की सबकुछ ठीक नहीं है। पार्टी और सरकार में ये इकलौता वाकया नही है जब नेताओं और कार्यकर्ताओं के दर्द खुलकर सामने आ रहे है इसके अलावा कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से भी एक ऐसी घटना सामने आई थी जब हरेली तिहार पर सरकार ने गोधन योजना कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसके बाद प्रदेश युवा कांग्रेस के करीबी एक युवा नेता ने सोशल मीडिया के फेसबुक पेज पर खुलकर अश्लील गाली-गलौच कर अपनी दर्द बयाँ किया था ठीक उसी दिन चारामा में भी कुछ इस तरह की घटना घटी की पीएचई मंत्री गुरु रूद्र कुमार से पार्टी नेताओं ने अपनी उपेक्षा बयाँकर तल्ख शब्दों कहा दिया गया की अगली बार चुनाव में अफसरों से ही प्रचार प्रसार करवा बैनर पोस्टर बंधाव ले सरकार और संगठन।

इस वाकये पर सूत्र बताते है की जब प्रभारी मंत्री गुरु रूद्र कुमार हरेली तिहार पर गोधन योजना के शुभारम्भ कर दोपहर भोजन के लिए चारामा रेस्ट हाउस पहुचें थे तो कांग्रेस जिलाध्यक्ष, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सहित विधि प्रकोष्ट प्रदेश महामंत्री व जिला कांग्रेस प्रवक्ता को रोक लंच टेबल में जगह तक नहीं दिया गया और मंत्री जी अफसरों के साथ लजीज व्यजनों का लुफ्त लेते रहे है। जिसके बाद कांग्रेसी नेताओं और छात्र संगठन के उपेक्षा से नाराज युवा कार्यकर्ताओं ने कहा दिया की कही ये उपेक्षा अगली बारी में सरकार और संगठन के लिए वनवास का रास्ता ना खोल दे।

इसी तरह का वाकया स्वतन्त्रता दिवस पुनीत अवसर पर भी सामने आया जब सरकार के गढ़ कलेवा योजना का शुभारम्भ होना था और आमन्त्रण पत्र में प्रोटोकॉल का उल्लघंन कर आयोग के सदस्य नितिन पोटाई का नाम पालिका व जिला पंचायत अध्यक्ष के बाद सबसे नीचे में उल्लेखित किया गया था जिस पर जमकर बवाल मचा छत्तीसगढीं लजीज व्यंजनों का जायका ही बदल गया और जिला प्रशासन की जमकर फजीहत हुई आयोग सचिव ने जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर भविष्य में इस तरह की गलती नहीं दोहराने की नसीहत दे चेताया भी गया।

इस तरह की छोटी छोटी वाकये भले ही सरकार और संगठन के लिए मायने ना रखती हो लेकिन कड़ी-कड़ी जुडकर ही जंजीर बन कीमत मुकर्रर करती है अब सरकार और संगठन अपने ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को ईमानदारी असलियत बयाँ कर दे की सरकार और संगठन में क्या चल रहा है

प्रकाश ठाकुर

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