आदिवासी छात्राओं के बलात्कारियों को फांसी दो
नई दिल्ली- महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा जिले के खामगांव तहसील अंतर्गत पाला गांव में 13 नाबालिग आदिवासी छात्राओं के बलात्कारियों के फांसी की मांग करते हुए “जय आदिवासी युवा शक्ति” (जयस) ने दिल्ली स्थित इंडिया गेट के पास प्रदर्शन किया। जयस ने आक्रोश प्रकट करते हुए सरकार से बलात्कारियों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए फांसी की मांग की। जयस ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि देश विभिन्न क्षेत्रों झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश , महाराष्ट्र, गुजरात, ओड़िशा, राजस्थान समेत कई राज्यों आदिवासी छात्र-छात्राओं का भयंकर उत्पीड़न हो रहा है। आदिवासी छात्राओं से दुष्कर्म के मामले लगातार हो रहे हैं, लेकिन सरकार दुष्कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करती है इसलिए बलात्कारियों के हौसले लगातार बढ़ रहे हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र के अमरावती जिले के मेलघाट तहसील अंतर्गत मसोना आश्रमशाला में भी आदिवासी लड़कियों के यौन उत्पीड़न के मामले आये, लेकिन सरकार अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बीते साल 11 छात्राओं का सामूहिक बलात्कार, इसी साल बीजापुर और बलरामपुर में आदिवासी छात्रा का बलात्कार, झारखंड के गोड्डा जिले के पथरगामा प्रखंड में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में रोल नंबर के आधार पर आदिवासी छात्राओं से बलात्कार, यौन उत्पीड़न के मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। आदिवासी छात्राओं से यौन उत्पीड़न ऐसे लगातार मामले बढ़ने से आदिवासी छात्राओं के हौसले टूट रहे हैं, बड़ी संख्या में आदिवासी छात्राओं ने स्कूल छोड़ दिया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री विष्णु सावरा के बयान “आदिवासी छात्राओं से बलात्कार जैसे ऐसे मामले होते रहते हैं” पर जयस के संरक्षक डॉ हिरालाल अलावा ने तीखी भर्त्सना करते हुए विष्णु सावरा से इस्तीफा की मांग की। जयस के मीडिया प्रभारी राजन कुमार ने सरकार से मांग की कि बलात्कारियों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट 1989 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए और दुष्कर्म की शिकार प्रत्येक आदिवासी छात्राओं के बेहतर शिक्षा एवं चिकित्सा के लिए 20-20 लाख रुपये मुआवजा राशि दी जाए। विरोध प्रदर्शन में मध्य प्रदेश से राजेश पाटिल, शिवराम गवले, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर धनराज मेश्राम, दिल्ली आदिवासी महिला विंग की सदस्य प्रतिमा मिंज, रचना मेश्राम, नीलू तिर्की, सेसीला लकड़ा, संध्या डुंगडुंग, मिलीता डुंगडुंग, नवनीत मीणा समेत अनेक लोगों ने विरोध जताया।
राजन कुमार मिडिया प्रभारी, जय आदिवासी युवा शक्ति (9958721469)