विधायक शोरी ने कहा जब जिला मुख्यालय को नहीं दे पा रही सरकार डॉक्टर, तो अमाबेड़ा को कैसे दिया जा सकेगा एमबीबीएस
कांकेर ( भूमकाल समाचार ) अमाबेड़ा के 90 गांव के ग्रामीणों ने 6000 से अधिक की संख्या में रैली निकालकर पानी बिजली स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरत की मांग रखकर कांकेर जिला कलेक्टर को शर्मिंदा कर दिया । उनकी सबसे बड़ी मांग थी कि आमाबेड़ा स्वास्थ्य केंद्र में एक एमबीबीएस डॉक्टर की नियुक्ति की जाए और कांकेर -आमाबेड़ा मार्ग जो जर्जर हालत में है जिसके निर्माण व मरम्मत के नामपर कई बार में करोड़ों रुपया खर्चा कर दिया गया, उसे ईमानदारी से बनाया जाए पर इस मामले पर कार्यवाही व शर्मिंदगी के बजाय कांकेर जनसंपर्क कार्यालय की मदद से पुरानी समाचारों की कटिंग निकालकर जिला के दो दल्ला पत्रकारों को सौंपा गया और झूठी खबरें छपाई गए कि आमाबेड़ा में पूरी तरह से विकास हो चुका है । अब आमाबेड़ा के नागरिकों को कोई मांग करने का अधिकार नहीं रहा । दलाल पत्रकारों द्वारा छापे गए समाचारों को देख कर पाठक खुद तय कर सकते हैं यह पत्रकारिता है कि दलाली? बाकी जो रोज आमाबेड़ा से कांकेर आ जा रहा है उसे पता है कि रोड का हाल क्या है ?
बाकी रोचक बात तो यह है कि आमा बेड़ा के 90 गांव के लोग जब प्रदर्शन कर रहे थे तो इनके विधायक अंतागढ़ अनूप नाग इनके प्रदर्शन से गायब रहे, वही कांकेर के विधायक व संसदीय सचिव शिशुपाल शौरी ने साफ-साफ कह दिया कि कांकेर के जिला अस्पताल में जब एमबीबीएस डॉक्टर सरकार नहीं दे पा रही है तो अमाबेड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कैसे दिया जा सकता है ? यह है विकास की बात करने वाली कांग्रेस सरकार की असली हकीकत – देखिये वीडियो