बकरियां बेचकर विमान का टिकट खरीदा, कैंसिल हो गई फ्लाइट
दिल्ली सरकार ने घरेलू हवाई सेवा शुरू तो कर दी, लेकिन अव्यवस्था के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर फ्लाट्स रद्द होने के कारण यात्रियों की मुश्किलें बढ़ी हैं। परेशान होने वाले यात्रियों में मुंबई के तीन प्रवासी मजदूर भी शामिल हैं। इन्हें मुंबई से कोलकाता जाना था। लॉकडाउन की घोषणा के बाद से एक रुपया नहीं कमा पाए। घर जाने का कोई साधन नहीं मिला तो अपनी पूरी बचत जुटाकर फ्लाइट का टिकट खरीदने की विचार किया। तीनों को अपनी बकरियां भी बेचना पड़ी। कुल मिलाकर 30,600 रुपए जुटे जिससे इंडिगो का टिकट खरीदा। 28 मई की फ्लाइट थी, जिसे रद्द कर दिया गया। अपना सबकुछ खोकर भी मजदूर वहीं से वहीं फंस गए।अब मीडिया में मामला आया तो विमानन कंपनी हरकत में आई। अब कंपनी का कहना है कि वह तीन प्रवासी मजदूरों को 1 जून वाली फ्लाइट में मुंबई से कोलकाता ले जाएगी। इसके लिए तीनों यात्रियों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं वसूला जाएगा।
हवाई सेवा शुरू होते ही फैलने लगा कोरोना वायरस
देश में घरेलू विमान सेवाएं शुरू होने के बाद हवाई सफर करने वालों के कोरोना संक्रमित मिलने का सिलसिला शुरू हो गया है। इसके साथ ही हवाई अड्डों पर अपनाई गई व्यवस्था पर भी सवाल उठने लगे हैं। आशंका जताई जा रही है कि कहीं सरकार ने विमान सेवाएं शुरू करने में कोई जल्दबाजी तो नहीं कर दी। मंगलवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से नई दिल्ली से लुधियाना का सफर करने वाले एक यात्री में कोरोना वायरस पाया गया। बुधवार को एयर इंडिया ने बयान जारी कर बताया कि फ्लाइट से सभी यात्रियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है।इससे पहले चेन्नई-कोयंबतूर इंडिगो फ्लाइट पर सवार यात्री में भी कोरोना संक्रमण पाया गया था। इसके बाद इंडिगो ने फ्लाइट में सवार सभी यात्रियों को सेवा से हटा लिया और आइसोलेशन में भेज दिया। अब कंपनी फ्लाटइ में सवाल यात्रियों से सम्पर्क कर उन्हें भी 14 दिन से आइसोलेशन में जाने की सलाह दे रही है।24 घंटे में कुल 6387 नए केस: देश में बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस के 6387 नए केस सामने आए हैं और 170 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में कुल मरीजों का आंकड़ा 1,51,767 पहुंच गया है। इनमें से 83004 एक्टिव केस हैं यानी इतने लोगों का इलाज जारी है। अब तक कुल 64425 मरीज स्वस्थ्य होकर अपने घरों को लौट चुके हैं।कर्नाटक में एक जून से खुलेंगे मंदिरों के कपाट: कर्नाटक में 1 जून से आम जनता के लिए मंदिरों के कपाट खोल दिए जाएंगे। कर्नाटक सरकार ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब लॉकडाउन के चलते देशभर में दो महीने से धार्मिक और राजनीतिक आयोजनों पर पूरी तरह रोक लगी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात के बाद प्रदेश के धार्मिक मामलों के मंत्री कोटा श्रीनिवास ने यह ऐलान किया है।