जिस्म की मंडी एक अलग रायपुर क्या आप इसे जानते हैं?

दिन के मसाज़ पार्लर के नाम पर और शाम ढलते ही पब/हुक्का बार के नाम पर राजधानी रायपुर में जिस्म की मंडियां प्रतिदिन सज जाती हैं। सुप्रीम कोर्ट और कानून को धता बता कर देर रात तीन चार बजे तक चलती इन पार्टियों में अब हर नशे का इंतज़ाम है।लड़कियों को क्लब/पब चलाने वाला फ्री एंट्री/फ्री ड्रिंक का ऑफर दे कर अपने यहां बुलाता है।तंग छोटे कपड़ों में बमुश्किल ढंकी छुपी यह लड़कियां नशे में धुत्त हो कर जब नाचती हैं तब ग्राहक को आकर्षित करने का काम भी करती जाती हैं।इन लड़कियों में अधिकतर की पृष्ठभूमि कस्बाई है जिनमे से कई को इनके मां बाप ने पढ़ने लिखने के लिए राजधानी रायपुर भेजा है।बाप घर से महीने का खर्च पांच हज़ार जरूर भेज रहा है परंतु इनका प्रतिदिन का खर्च ही पांच से दस हज़ार है जिसे पूरा करने के लिए जिस्मानी समझौते करने पड़ते हैं।
हमारे शहर के मसाज़ पार्लरों में जिस्म की बुकिंग व्हाट्सएप पर फोटो भेज कर की जाती है।
शहर में 300 से अधिक व्हाट्सएप ग्रुप ऐसे चल रहे हैं जिनका साफ़ उद्देश्य जिस्म का सौदा कराना है,मेरा सूत्र इस तरह के कुछ व्हाट्सएप ग्रुप दिखाता है जिसने शहर के कई नामी गिरामी लोग जुड़े हुए हैं।कोई नई लड़की इस बाजार में इंटर करती है तब व्हाट्सएप पर ही उसकी फ़ोटो के साथ बोली लगती है,जो सबसे अधिक बोली लगाया लड़की उसकी।
जिस्म के इन मसाज़ पार्लरों में पुलिस द्वारा छापे पड़ते जरूर हैं,पुलिस को हर बार नामीगिरामी लोगों की लिस्ट वाला एक रजिस्टर बरामद होता जरूर है,पुलिस कहती जरूर है कि नामों का खुलासा वह कुछ ही दिनों में करेगी लेकिन यह कुछ ही दिन कभी अच्छे दिनों की तरह आते नहीं।
तो स्वागत है आपका जिस्म और नशे की मंडी एक अलग रायपुर में।

नोट: विश्व के किसी भी देश के किसी भी शहर में जिस्म,नशे,जैसे संघटित अपराध को बिना पुलिस की सेटिंग के अंजाम नहीं दिया जा सकता।

कुणाल शुक्ला

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