एक दिन देश में लीचिंग और कत्लेआम का म्यूज़ियम बनेगा तब लिंच किये गए लोगों के नाम और विरोध करने वालों को टुकड़े गैंग बताने वाले प्रसून जोशी जैसे लोगों के नाम भी दर्ज होंगे

रवीश कुमार

1894 में caleb gadly अपने गोरे बॉस की पत्नी के बगल से गुज़र रहे थे, इस जुर्म में अश्वेत caleb को लिंच कर दिया गया. उनकी पत्नी mary turner ने विरोध किया तो उल्टा टांग दिया गया, गर्भवती थीं, पेट चीर दिया गया. बच्चा नीचे गिर कर मर गया. Mary भी मर गयीं.

1922 में parks banks नाम के अश्वेत को लिंच किया गया. क्योंकि उनके पास किसी श्वेत महिला की तस्वीर थी.

अमेरिका में ऐसे लिंचिंग के 4400 मामलों को खोजने में bryan stevenson और कई वकीलों की टीम ने वर्षों लगा दिए. कुछ के नाम मिले और कुछ के नहीं.

इन सब के ज्ञात और अज्ञात नामों को स्टील के खम्बों पर लिखा गया है. इन खम्बों को छत से उल्टा लटका दिया गया है.

यह म्यूजियम अल्बामा के मोंटगुमरी में पिछले साल खोला गया है.

यह जानकारी प्रसून जोशी के लिए है. जब श्वेत लोग अश्वेत लोगों को लिंच कर रहे थे तब उन्हें होश नहीं था कि सौ साल बाद STVENSON जैसे वकील लिंचिंग कि 4400 क़त्ले आम को इतिहास से निकाल लाएंगे और म्यूजियम बना देंगे. भारत में जब भी ऐसा म्यूजियम बनेगा, प्रसून जोशी के पत्र को उल्टा लटके स्टील के खंभों पर चिपका दिया जाएगा.लिंच किये गए लोगों के नाम के बगल में प्रसून का भी पत्र होगा.

लोग पढ़ेंगे कि लिंचिंग पर सवाल उठाने वालों को कौन लोग टुकड़े टुकड़े गैंग बता रहे थे और कौन लोग लिंचिंग के अपराधियों को जेल से बाहर आने पर लड्डू खिला रहे थे.

लिंचिंग म्यूजियम की जानकारी new york times की रिपोर्ट से मिल जाएगी. कोई चाहे तो brayan stevenson को श्याम बेनेगल के साथ 49 लोगों के पत्र और प्रसून जोशी के साथ 60 लोगों के पत्र को भेज दे और उनसे आग्रह करे कि इन दोनों पत्रों को पढ़ने के बाद इन्हें अपने लिंचिंग म्यूजियम में जगह दें.

बाक़ी प्रधान मंत्री को किसी चीज़ की परवाह करने की ज़रूरत नहीं है.प्रसून जोशी गीत लिख रहे हैं.

तस्वीर मेरे परिचित के कैमरे की है. आप इस्तेमाल कर सकते हैं.

रवीश कुमार

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