फोटो जर्नलिस्ट मनोज देवांगन पर हमला.पत्रकारों की सुरक्षा का सवाल और सरकार की जिम्मेदारी

उत्तम कुमार, सम्पादक दक्षिण कोसल

छत्तीसगढ़ में लगातार पत्रकारों पर हमले हो रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार सप्ताह भर में चार पत्रकार अस्पताल में और 22 से ज्यादा पर फर्जी मामले चल रहे हैं। राजनांदगांव के जाने माने फोटो जर्नलिस्ट मनोज देवांगन पर जानलेवा हमला किया गया है मनोज के सिर पर गम्भीर चोटें आई है। मनोज ने प्रेस वार्ता में बताया है कि हर दिन की तरह सुबह पेपर वितरण के समय आरोपी राजीव ने उनके सिर पर लोहे की छड़ से जानलेवा हमला कर दिया साथ ही उसने जान से मार देने की धमकी भी दी है।उन्होंने बताया कि अगर वह जान बचाकर नहीं भागता तो उसे वहीं जान से मार दिया जाता। आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है लेकिन इन पंक्तियों के लिखे जाने तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई हो सकी है।

पत्रकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनने के बाद सरकार ने बार-बार दावा किया था कि छत्तीसगढ़ में अब पत्रकारों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और ना ही उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज होंगे। फिर से पत्रकार पत्रकार सुरक्षा कानून कि बात कर रहे हैं। लेकिन सरकार द्वारा पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने के दावों की जमीनी हकीकत कुछ और है। हालात पहले जैसे ही हैं। पत्रकारों के उत्पीडऩ के खिलाफ छत्तीसगढ़ में पत्रकार लगातार आंदोलित हैं। कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पत्रकारों ने भाजपा कार्यालय और प्रेस क्लब के सामने लगातार अनवरत प्रदर्शन किया था। पत्रकार छत्तीसगढ़ में अपनी सुरक्षा को लेकर सरकार और जिम्मेदारों से सवाल करने में लगे हैं। पर इन सबके बीच एक बार फिर छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

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