माकपा और जनौस के नेतृत्व में आदिवासी छात्राओं ने रेंगकर मांगी अपनी छात्रवृत्ति और नौकरी : प्रशासन ने बेरूखी से कहा, मांगें भेज देंगे सरकार को
बस्तर, सरगुजा और जशपुर से आई 15-20 छात्राओं ने एक आकर्षक प्रदर्शन कर अपनी लंबित छात्रवृत्ति देने और यूरोपीयन कमीशन से किये गए करार के अनुसार उन्हें स्टाफ नर्स की नौकरी देने की मांग की. इस प्रदर्शन का नेतृत्व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और भारत की जनवादी नौजवान सभा ने किया. इन दोनों संगठनों के कई कार्यकर्ता भी इन छात्रों के साथ रेंगने में शामिल थे. प्रदर्शन का नेतृत्व माकपा राज्य सचिव संजय पराते, जनौस राज्य संयोजक प्रशांत झा, नर्सिंग छात्रा लक्ष्मी राणा, पत्रकार रितेश पांडे आदि कर रहे थे
पुलिस की व्यवस्था को गच्चा देते हुए नर्सिंग छात्राओं ने कलेक्टोरेट परिसर से ही घुटनों के बल रेंगना शुरू कर दिया था. उनके घड़ी चौक पहुंचने पर यातायात कुछ देर के लिए अस्त-व्यस्त हो गया था. सभी छात्राएं और प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री निवास तक जाने की जिद पर अड़ी हुई थी, जिन्हें आधे रास्ते समझा-बुझाकर रोका गया. गर्मी व तपिश के कारण कुछ छात्राएं रेंगते हुए बेहोश भी हो गई.
प्रशासन को सौंपे अपने ज्ञापन में छात्रवृत्ति और नौकरी देने के मांग के साथ ही निजी कॉलेजों द्वारा मांगी जा रही अनाप-शनाप फीस पर रोक लगाने और सरकारी कॉलेजों में पढ़ रही छात्राओं को छात्रावास राशि देने की मांग की है. उनकी यह भी मांग है कि जिन छात्राओं ने पढ़ाई छोड़ दी है, उन्हें पुनः नर्सिंग प्रशिक्षण में प्रवेश दिया जाए, क्योंकि कमीशन द्वारा उनके लिए दिए गए पैसे सरकार के पास रखे हुए हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग पर प्रशासन ने सरकार को मांग उनकी मांग से अवगत कराने का आश्वासन दिया है.