दो दिनों से मजदूर बैठे है धरने पर सुध लेने वाला कोई नही
मामला वन विभाग रायगढ़ का , जहां करीब साल भर की बकाया राशि पाने के लिए पचास से अधिक मजदूर आंदोलन रत हैं
नीतिन सिन्हा
रायगढ़:- भ्रस्टाचार और भर्राशाही की इंतेहा देखनी हो तो आप रायगढ़ जिले के वन विभाग की कार्यशैली देख सकते हैं। जिले का वन विभाग सर से लेकर पांव तक अव्यवस्थाओं में घिरा हुआ है।
ताज़ा विवाद विभाग में दैनिक मजदूरों की बकाया मजदूरी की राशि को लेकर उतपन्न हुआ है। जिसके विषय में अब तक यह जानकारी मिली है,कि बीते एक साल से वन विभाग के आला अधिकारी पीड़ित मजदूरों से मजदूरी करवाने के बाद अब उन्हें बकाया मजदूरी देने में आना कानी कर रहे हैं।
इधर दिनांक 24 जून 2019 से वन विभाग के रेंज आफीस के समाने धरने पर बैठे हुए तकरीबन 50-60 मजदूर,जिनमें बड़ी संख्या में महिला मजदूर भी शामिल है,वे अपनी मजदूरी की मांग को लेकर वन विभाग कार्यालय के घेराव की तैयारी में है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि आज अगर उनकी समश्या का समाधान नही हुआ तो वे लोग डी एफ ओ कार्यालय या बंगले के बाहर विरोध प्रर्दशन करेंगे।
इतनी बड़ी संख्या में मजदूरों के आंदोलन की जानकारी होने के बावजूद भी उनकी सुध लेने अब तक न तो वन विभाग का कोई अधिकारी अथवा जिले में सक्रिय विभिन्न मजदूर दल/ संघ का कोई पदाधिकारी आंदोलन स्थल पर नही आया है। जबकि मजदूरी की मांग पर बैठे मजदूर बीते कल से यहां डटे हुए हैं। उनकी मांग को लेकर हमने मजदूरों से बात की तो उन्होंने बताया कि वे लोग करीब एक साल से जंगल विभाग के अधिकारियों के कहने पर कभी फायर लाइन पर तो कभी पेड़-पौधों की रोपाई पर काम किया है। इसके अलावा उन्होंने जंगल की व्यवस्था सम्हालना,मुरुम की कटाई,पर्यटकों की छोड़ी गंदगी की साफ-सफाई जैसे कार्य भी किया हैं। उन्हें इन कार्यों के बदले में तय की गई मजदूरी का भुगतान करीब एक साल से नही हुआ है।
मजदूरी के भुगतान को लेकर विभाग में पूछ-ताछ करने पर अधिकारी आज-कल कह कर अब तक उन्हें चलाते रहे हैं। वही रेंजर का कहना है कि अभी सिर्फ ढाई लाख रुपये पास हुए है। जबकि उतने पैसों में होना जाना कुछ नही है,करीब एक साल से हम 50-55 मजदूरों की मजदूरी की राशि 25 से 30 लाख रुपये बकाया है। इस विषय में वन परिक्षेत्राधिकारी का साफ तौर पर कहना है कि आप लोग किसके कहने पर कब कहा काम किये हो इसका रिकार्ड नही है। जिन्होंने काम किया था उनका प्रथम क़िस्त का पेमेंन्ट आकर उन्हें भुगतान भी हो चुका है। अब किसी मजदूर को कुछ नही मिलेगा। बहरहाल आंदोलनरत मजदूरों ने कहा है कि वन विभाग के द्वारा जब तक उनकी बकाया राशि का भुगतान प्राप्त नही होगा वे अपनी मांग को लेकर आंदोलन जारी रखेंगे।