गांधी जी की याद में
आज की कविता “एक आदमी मुझे मिला भदोही में” एक आदमी मुझे मिला भदोही में, वह टायर की चप्पल पहने
Read moreआज की कविता “एक आदमी मुझे मिला भदोही में” एक आदमी मुझे मिला भदोही में, वह टायर की चप्पल पहने
Read moreहमने तुम्हारी वर्षगाँठ को भी धंधा बना लिया है, भगतसिंह हमने तुम्हारी प्रतिमा को भी कुर्बानी का प्रमाण पत्र थामे
Read more( प्रसिद्ध कवि और छायाकार त्रिजुगी कौशिक जी नहीं रहे । जन संपर्क विभाग में नौकरी करते हुए उन्होंने बस्तर
Read moreएक दिन आधी रात को उन्होंने भाषा पर पाबंदी लगा दी घोषणा हुई आज से सब की एक ही भाषा
Read moreआषाढ़ में फैलती ही हैं बीमारियाँ सावन-भादो में आती ही है मंदी आसिन बहुत उपयुक्त है दंगों के लिए कतिकसन
Read moreसाकलदीपी ब्राह्मण बताते हैं उत्स मगह मगह के बाहर के साकलदीपियों को खदेड़ दिया जाए कान्यकुब्जों को भेजा जाए कान्यकुब्ज
Read moreमैं अभी शामिल नहीं होना चाहता आपकी अकादमिक बहस में आपकी शास्त्रीय पुनर्व्याख्याएं कर सकती हैं इंतज़ार आपकी बहसें मुल्तवी
Read moreआज की कविता हमारे सपनों में रहा है एक जोड़ी बैल से हल जोतते हुए खेतों के सम्मान को बनाए
Read moreअम्मा ने समझाया बार-बार जिनगी में बहुत जरूरी हो गयी गांठ खींच कर लगाई गांठ पर गांठ बांध-रखना अच्छे से
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