टिकटॉक को टक्कर देगा देसी हिटहॉक, 16 से ज़्यादा भाषाओं में हुआ लॉन्च
गूगल प्ले स्टोर पर अपडेटेड ऐप उपलब्ध
भोजपुरी, मैथिली, पंजाबी, मराठी, गुजराती, सिंधी, उर्दू, तेलगू, कन्नड़, मलयाली और तमिल भाषा में उपलब्ध
सुरेंद्र ग्रोवर ने बनाया है हिट हॉक
नई दिल्ली: पूरे देश में चीनी ऐप के बैन होने के बाद टिक टॉक सबसे ज़्यादा चर्चा में रहा। युवक-युवतियों के बीच ये ऐप सबसे ज़्यादा प्रचलित था।
भारत में चीनी ऐप्स के देशव्यापी बहिष्कार के बाद टिकटॉक को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया गया था। अब टिकटॉक की तर्ज पर देसी हिटहॉक लॉन्च किया गया।
भारत में निर्मित इस एप्लिकेशन को सुरेंद्र ग्रोवर ने तैयार किया है जिसे गूगल प्ले स्टोर पर अपडेट किया जा चुका है। पहले इसमें कुछ बग्स आ रहे थे वो भी फिक्स हो चुके हैं।
हिट हॉक हिंदी ही नहीं बल्कि भोजपुरी, मैथिली, पंजाबी, मराठी, गुजराती, सिंधी, उर्दू के अलावा तेलगू, कन्नड़, मलयाली और तमिल भाषाओं को खुद में समाहित कर नए स्वरूप में बाज़ार में आया है।
इसमें लॉगिन के लिए फेसबुक और गूगल के अलावा फोन नम्बर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
यदि किसी यूज़र ने पहले से हिट हॉक को इंस्टॉल कर रखा है तो उसे अपडेट करना पड़ेगा या दोबारा इंस्टॉल करना पड़ेगा।
सुरेंद्र ग्रोवर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं आप सबका आभारी हूँ यहाँ तक के सफर में साथ खड़े मिलने के लिए और उम्मीद है आगे भी आपका प्यार और सहयोग हमेशा मिलता रहेगा। हमने हिट हॉक में भोजपुरी और मैथिली जैसी भाषाएँ जोड़ीं हैं जोकि गूगल में पहले से मौजूद नहीं थीं।”
सुरेंद्र ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध एक सोर्स कोड को अपने अंतराष्ट्रीय डेवलपर्स की सहायता ले सिरे से बदल भारतीय स्वरूप दिया।
उदयपुर की छात्रा नीलू परिहार का कहना है कि वे पहले कभी कभी टिकटॉक पर वीडियो देख मनोरंजन कर लेती थी। अब जैसे ही फेसबुक पर हिट हॉक की चर्चा सुनी तो इसे डाऊनलोड कर लिया। यह शानदार एप्प है।
मूलतः बिहार के रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह इसमें भोजपुरी पाकर बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि इंटरनेट पर अब तक भोजपुरी और मैथली को जगह नहीं मिलती थी लेकिन हिट हॉक ने इन दोनों भाषाओं को खुद में समाहित किया जो कि हम जैसे बिहारी अप्रवासियों को अपनी संस्कृति से जोड़े रखेगा।
सुरेंद्र ग्रोवर