दक्षिण बस्तर में बाढ़ की त्रासदी : प्रभावितों की मदद अकेले सरकार की नही, हमारी भी है जवाबदारी
विभीषिका की भयावह तस्वीर व वीडियो आया सामने
सूरज प्रकाश डड़सेना
रायपुर ( भूमकाल समाचार ) आज जब आप सोकर उठे और परंपरागत अखबार में किसी प्रिय – अप्रिय नेता को किसी मुद्दे पर बात करके हुए देखकर अपनी राय का निर्माण करें । तब तक आपके राज्य के सुदूर दक्षिण में बाढ़ की त्रासदी मची होगी । बीजापुर तो नाम सुना ही होगा ना , अरे वही ‘ अल्बका पहाड़ी ‘ वाला जिला ……अब PSC/व्यापम वाले छात्रों के दिमाग में क्लिक कर गया होगा …….
खासकर बीजापुर , दन्तेवाड़ा , सुकमा में बारिश का कहर दिख रहा है और अगर आप असंवेदनशील होकर जनरल नॉलेज के तौर पर देख रहे है तो ‘ मिंगाचल ‘ नदी का नाम याद कर लीजिए जिसने जनजीवन को बुरी तरह अस्त व्यस्त करके रखा हुआ है । पड़ोसी जिलों के सम्पर्क टूट गए है , बस्तियों में पानी भर गया है , लोग अपने ही घरों में कैद हो चुके है , जानवर बहे जा रहे है , सड़क उखड़ गए है , फसलें बर्बाद हो चुकी है , यहां तक कि थाने और सीआरपीएफ के कैम्प भी जलमग्न हो चुके है ।
पोस्ट की गई तस्वीरों से भयावह स्थिति का अंदाजा लगा सकते है । शायद इस तरह की आपदा राज्य काफी में वर्षों बाद दिख रही है और नदी भी अपने जल स्तर को नियंत्रित नही कर पाने के कारण मैदानी क्षेत्रों और बस्तियों में बाढ़ का पानी घुसता ही जा रहा है । एक दो जगह से खबरों के अनुसार कुछ लोगों ने झाड़ियों को पकड़कर अपने आप को बचाए रखा जिसे रेस्क्यू कर लिया गया है । नाव पलटने की खबर भी आ रही है । शासन प्रशासन अपने स्तर पर कार्य कर रही है ।
यह एक अपील है कि समाजसेवी संस्थाए , इच्छुक व्यक्ति जिम्मेदार नागरिक बनकर बस्तर के निवासियों का हेल्प करें ।हरसम्भव मदद का प्रयास करें और अपनी सहायता उन तक पहुँचाये ।
बहुचर्चित पुस्तक ” इलेवन मन्थ” के लेखक सूरज प्रकाश डड़सेना युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं