दिल्ली के युवा पत्रकार तरुण सिसोदिया की एम्स में दर्दनाक परिस्थिति में मौत, स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने की जांच की मांग पहले से तनाव झेल रहे मीडिया जगत में शोक और चिंता
रायपुर , 6 जुलाई। राजधानी दिल्ली के एक दैनिक अखबार में काम करने वाले तरूण सिसोदिया की सोमवार को नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में दर्दनाक हालात में मौत से पत्रकार जगत में शोक की लहर है। स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन छत्तीसगढ़ के संरक्षक दिवाकर मुक्तिबोध, अध्यक्ष पूर्णचन्द्र रथ , उपाध्यक्ष घनश्याम गुप्ता और महासचिव नसीम मोहम्मद सहित की पूरी कार्यकारिणी के सदस्यों ने एक बयान जारी कर साथी तरुण सिसोदिया के निधन पर गहरा शोक जताया है और उनकी मृत्यु की परिस्थितियों की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
तरुण दिल्ली पत्रकार संघ (डीजेए) के साथ सक्रिय रूप से जुड़े थे।
बयान में कहा गया है कि युवा पत्रकार तरुण ने किन परिस्थितियों में मौत को गले लगाया और एम्स से जिन हालातों में उसकी मौत की सूचना आई है उसकी जांच निष्पक्ष होना बहुत जरूरी है। वह एक संवेदनशील और निष्पक्ष पत्रकारिता के अग्रणी लोगों में थे और स्वास्थ्य क्षेत्र की घटनाओं पर उनकी गहरी पकड़ थी।
एम्स के एक बुलेटिन के अनुसार तरुण सिसोदिया का वहां कोविड-19 का इलाज चल रहा था और वह स्वस्थ हो रहे थे।
सिसोदिया राजधानी दिल्ली के कई अखबारों में काम करते हुए विभिन्न बीटों पर काम कर रहे थे और यही कारण है कि राजनीतिक दलों , सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित प्रशासनिक अधिकारियों में उनके चाहने वालों की एक लम्बी सूची है। हम केंद्र और दिल्ली सरकार से तरुण के परिवार को आर्थिक सहायता देने की भी मांग करते है।
तरूण कोरोना संक्रमित थे और उनका इलाज पहले जीबी पंत और फिर इस समय एम्स में ही चल रहा था। खबरें मिली हैं कि प्रेस की नॉकरी की असुरक्षा का तनाव भी वे झेल रहे थे, एम्स में ही संदिग्ध परिस्थिति में सोमवार को चौथी मंजिल से गिरने से उनकी मौत हुई। हालांकि एम्स प्रवक्ता ने बुलेटिन जारी कर उनके कूदने की बात कही है। इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए स्टेट वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन छत्तीसगढ़ इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करता है ताकि मौत के सही कारणों का पता चल सके।