नमक की काला बाजारी को प्रशासन की स्वीकृति
सारंगढ़ में 10 रूपये मे बिकने वाला नमक अब बिकेगा 15 रूपये में ?
प्रशासन की सहमति से एमआरपी पर नमक बेचे जाने का किया गया वादा
8 रूपये में मिलने वालो नमक को थोक में साढ़े दस रूपये मे दिया रिटेलर को
लक्ष्मी नारायण लहरे
सारंगढ़ । अधिक दर पर नमक बेचे जाने के खेल को रोकने मे प्रशासन नाकाम रहा। थोक व्यापारी ने प्रशासन के नाक के नीचे ही उनको टोपी पहना दिया। पहले 420 रूपये मे प्रति बोरी मे बिकने वाला नमक को थोक व्यापारी ने पांच सौ पच्चीस रूपये मे बेचकर प्रति बोरी 100 रूपये से अधिका का मुनाफा कमा लिया और प्रशासन को हवा तक नही लगा। इस बड़े स्तर के खेल मे सारंगढ़ मे 10 रूपये मे मिलने वालो निरमा नमक अब 15 रूपये के दर पर मिलने लगा। प्रशासन के नाम के नीचे ही 50 फीसदी अधिक दर पर नमक का दर बढ़ाकर थोक व्यापारी वाहवाही लुटने मे लग गया।
सारंगढ़ अंचल मे नमक की भारी कमी होने का अफवाह को फैलाने के पीछे थोक नमक व्यापारियो के द्वारा मोटा मुनाफा वसूली ही मुख्य कार्य था। एक ओर जहा जिला मुख्यालय मे आधा दर्जन से अधिक दुकानो को सील कर दिया वही सारंगढ़ मे थोक व्यापारी को प्रशासन संरक्षण देते हुए दिखा। इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ में निरमा नमक का थोक दर 400 रूपये था। इस नमक को आज एक थोक व्यापारी के द्वारा 525 रूपये मे रिटेल के व्यापारियो को बेचा गया। अर्थात प्रति बोरी 125 रूपये का मुनाफा साफ तौर पर प्रशासन के सामने मे थोक व्यापारी के द्वारा वसूल किया गया। खास बात यह है कि 400 रूपये मे प्रति बोरी नमक मिलने पर यह रिटेल व्यापारियो को 8 रूपये मे प्रति किलो मिलता था जिसे 10 रूपये के दर पर बेचा जाता था। किन्तु अब 525 रूपये के दर पर रिटेलर को देने से यह नमक व्यापारियो को साढ़े दस रूपये के भाव पर दिया गया। जिसके कारण से रिटेल के व्यापारियो के द्वारा इसे 15 रूपये के भाव पर बेचा जा रहा है। अर्थात प्रशासनीक कार्यवाही के बाद भी सारंगढ़ में नमक के भाव मे कमी नही आई बल्कि मुनाफाखोरी बढ़ गई। पहले नमक पर प्रति किलो दो रूपये की कमाई दुकानदार करते थे किन्तु थोक व्यापारी के मुनाफावसूली के कारण से अब प्रति किलो साढ़े चार रूपये से अधिक की मुनाफाखोरी किया जायेगा। जिसके कारण से सारंगढ़ अंचल मे नमक की दर 50 प्रतिशत बढ़ गई। नमक के रिटेल व्यापारियो से यदि पूछताछ किया जाये तो वे खुद बता देगे कि 10 मई तक जिस नमक को वे 400 रूपये के भाव पर खरीदा करते थे वही नमक थोक व्यापारी के कारण से 525 रूपये के भाव पर दिया गया। खास बात यह है कि नायब तहसीलदार सुश्री राकी एक्का की उपस्थिति मे इस दर पर नमक रिटेलर को दिया गया। इस कार्यवाही से नमक जो कि सारंगढ़ अंचल मे 10 रूपये के भाव पर मिलता था वह अब 15 रूपये के बढ़े भाव पर मिलेगा और प्रशासनीक संरक्षण मे नमक पर प्रति बोरी 125 रूपये का मुनाफा थोक व्यापारी ने कमा दिया।
दरअसल व्यापार के नाम पर काला बाजारी का धंधा लाँक डाउन बीच बड़े जोरों से चल रहा है। सामानों की कृत्रिम कमी बता या फिर सामग्री का अभाव बता घरेलू उपयोग के समान दूगुने दाम पर व्यापारियों के द्वारा बेचे जा रहे हैं। आज बड़े व्यापारी दैनिक उपयोग की समस्त वस्तुओं की काला बाजारी करते हुए सामान बेच रहे हैं। जिसमें छोटे दुकानदार भी अपनी कमाई जोड़कर बेचने को मजबूर है। नमक की कालाबाजारी सुनकर आश्चर्य होता है, कि- जो नमक पहले खुलेआम आसमान के नीचे यूं ही पड़ा रहता था। जिसे लोग चोरी करना भी पाप समझते थे। आज वही नमक दुगुने दाम से भी ऊपर बिक रहा है। उक्त शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करते हुए। आईएएस चंद्रकांत वर्मा थोक व्यापारियों को नमक आपूर्ति के लिए आदेशित किए। आईएएस चंद्रकांत वर्मा ने तहसीलदार शतरंज को फोन से आदेशित किए की नमक की कालाबाजारी ना हो और शहर के साथ ही साथ आस पास के गांव में नमक की आपूर्ति करवाई जाए। नमक अग्रवाल जनरल स्टोर में आया हुआ है। शतरंज के निर्देश पर नायब तहसीलदार राँकी एक्का, अग्रवाल जनरल स्टोर पहुंची और उनके देखरेख पर नमक विक्रय करवाया गया।नायब तहसीलदार रॉकी एक्का द्वारा नमक खरीद कर ले जाने वाले व्यापारियों को निर्देशित करते हुए कहीं की नमक किसी भी उपभोक्ता को 2 किलो से ऊपर ना दिया जाए, 2 किलो से ऊपर नमक लेने वाले व्यक्तियों का नाम एक रजिस्टर पर टंकित किया जाए। कोचिंया या फुटकर व्यापारी को अगर एक कट्टा नमक दिया जा रहा है उसका नाम भी रजिस्टर में संधारित किए जाएं।
रिटेल व्यापारियो मे वितरित किया गया 20 टन नमक
अग्रवाल जनरल स्टोर में 20 टन नमक आया जो नायब तहसीलदार की उपस्थिति में मनोज किराना स्टोर,जितेनद़ ट्रेडर्स,दिनेश किराना,गंगाराम किराना, कार्तिक किराना, लक्ष्मी किराना,विष्णु ट्रेडर्स, गुप्ता प्रोवि . उमेश गल्ला किराना, मोहन प्रोविजंस, देवाँगन जनरल, विजय बलवंत, प्रमोद किराना, आयुषी ट्रेडिंग, गोपाल अग्रवाल, बंसल किराना, नवल किराना, कान्हा सुपर बाजार, रिंकू शर्मा,अशोक किराना,दिवाकर गल्ला, महानदी ट्रेडर्स, दीपक ट्रेडर्स, देवाँगन किराना, लोकेश्वरी ट्रेडर्स, आयुषी, आलोक किराना, संदीप ट्रेनिंग,देवराज गल्ला किराना, देव किराना, संदीप गोयल, अमित किराना, गोलू अग्रवाल,कार्तिक किराना,रोशन किराना, रोशनी किराना, रोशनलाल अग्रवाल, कमलेश पान, रमेश किराना, अमित किराना, अमृत पटेल, दयाराम पटेल, समीर किराना, अशोक, गोकुल सुपर बाजार,अमित जनरल, अग्रवाल किराना, सतीश अग्रवाल,किशन ट्रेडर्स, आकाश प्रोविजंस को नमक प्रदान किया गया।
400 का नमक 525 में देकर किया गया मुनाफा वसूली?
जिन दुकानो को आज नमक का वितरण किया गया है उनके पास मई माह और अप्रैल माह का पुरान बिल है जिसमे साफ तौर पर 400 रूपये प्रति बोरी का दर अंकित है। वही नीरमा नमक के पैकेट पर एमआरपी 15 रूपये अंकित है अर्थात अधिकतम दर पर बेचा जाने वाला वस्तु। किन्तु 8 रूपये के नमक को थोक व्यापारी के द्वारा साढ़े 10 रूपये मे रिटेलर को दिया गया और उपभोक्ता को 15 रूपये के दर पर बेचने की सलाह भी दिया गया। ऐसे मे 50 प्रतिशत की मूल्य वृद्धि के साथ उपभोक्ता अपने आपको ठगा महसूस कर रहे है। थोक व्यापारी के द्वारा प्रशासन के सामने ही किया गया इस मुनाफा वसूली के कार्य को लेकर क्षेत्र मे कई प्रकार की चर्चा है। एक ओर जहा रायगढ़, जांजगीर और महासमुंद जिले में नमक के व्यापारियो पर सील लगाने और जुर्माने की कार्यवाही किया गया वही सारंगढ़ मे एक भी दुकान पर नमक को लेकर कोई भी कार्यवाही नही करना कई प्रकार के संदेह को जन्म देता है। नमक के नाम पर कार्यवाही करने के लिये निकली टीम का कोई कार्यवाही नही करना ही पहला सवाल बन गया है। और अब उन्ही के द्वारा 8 रूपये के थोक नमक को 10 रूपये से अधिक दर पर रिटेल व्यापारियो को बेचवाना कई सवालो को खड़े कर गया है।
लक्ष्मी नारायण लहरे