विश्व हास्य दिवस पर, बेसहारा वंचितों के हाल पर केंद्र का बेहद क्रूर अट्टहास
फूल बरसाने के खर्च पर देश की चिकित्सकीय जरूरत पूरी हो सकती थी
सौमित्र राय
भारत में 739 जिले हैं।
इस समय देश के पास 524 लाख मीट्रिक टन से ज़्यादा अनाज है। 287 लाख मीट्रिक टन धान है, जिसे मिल में नहीं भेजा गया है।
इन 739 जिलों में 50 करोड़ से ज्यादा भूखे लोग रोटी को तरस रहे हैं।
लेकिन मोदी सरकार में आज देश की सेना ने वह क्रूर तमाशा किया है, जिसे सेना के भगवा राजनीतिकरण के रूप में इतिहास में दर्ज किया जाएगा।
सुखोई 30 की प्रति घंटे की उड़ान 6.8 लाख की पड़ती है। सभी जिलों को नापने की कीमत है 5002 लाख रुपए।
चलिए रोटी न सही, क्योंकि मोदी सरकार की प्राथमिकता कभी रोटी तो रही नहीं।
लेकिन जिनके सम्मान में ये सारा तमाशा हुआ, जिन पर फूल बरसाए गए, उन्हें अगर PPE भी बांटना हो तो इस पैसे से 1,83,852 PPE किट्स वह भी 8 सेट्स की, खरीदी जा सकती थी।
ऐसे 3 सुखोई, 3 मिग 29, 3 जगुआर और परिवहन विमानों ने आज उड़ान भरी थी।
विश्व हास्य दिवस पर निज़ाम ने ग़रीब, भूखे प्रवासी मज़दूरों और दाने-दाने को मोहताज़, बेसहारा वंचितों के हाल पर बेहद क्रूर अट्टहास किया है।
सौमित्र राय