बस्तर में दोनों पक्षों से युद्धविराम की अपील
शुभ्रांशु चौधरी
आज जब पूरा देश कोरोना वाइरस से बचने के लिए एक दिन के बंद और उसके बाद हफ्ते भर से अधिक के रेल और तमाम तरह के यातायात बंद की ओर बढ़ रहा है बस्तर से एक और गंभीर खबर आ रही है | 14 जवान कल से अस्पताल में जीवन और मौत की लड़ाई लड़ रहे हैं और आज खबर आई कि कल उसी हमले में नक्सलियों ने 17 जवानों की ह्त्या कर दी थी | आज जब उन जवानों के नाम आ रहे हैं तो दिख रहा है उसमे लगभग सारे के सारे बस्तर के आदिवासी है जाहिर है मारने वाले भी शीर्ष नेतृत्व को छोड़कर बस्तरिया ही रहे होंगे
इस खून खराबे से न बस्तर का कोई भला होगा और न दुनिया में कोई क्रान्ति होने वाली है | कुछ बच्चे ज़रूर अनाथ हो गए | कई बहने विधवा हो गयी , कई माता पिताओं को ध्यान रखने वाला बेटा अब कभी वापस नहीं आएगा | पूरी दुनिया से कोरोना से ऐसी ही मौतों की खबरें आ रही हैं और दुनिया में हर तरफ असाधारण कदम उठाये जा रहे हैं | क्या बस्तर में भी इस असाधारण समय में एक असाधारण कदम उठाने का समय है?
बस्तर में हम जानते हैं कि वहां लगभग हर गाँव में हर साल कई लोग मलेरिया से मारे जाते हैं वह इस देश के लिए कभी एक समस्या नहीं बना | सीआरपीएफ ने कुछ दिन पूर्व यह बताया था कि उनके अधिक जवान नक्सलियों की गोली की बजाय मलेरिया से मारे जा रहे हैं | अब तो खुदकुशी करके भी बहुत से जवान नियमित रूप से मारे जा रहे हैं | आज भी एक जवान ने अपने ही बन्दूक से अपनी जान ले ली है
पर यह सब कभी भी चर्चा के मुद्दे नहीं बने हैं | क्या कोरोना महामारी हमको एक मौक़ा देता है, क्या दोनों पक्ष इस महामारी की आशंका को देखते हुए युद्धविराम की घोषणा कर सकते हैं? अब तक दोनों पक्षों को यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि कोई भी इस युद्ध को जीत नहीं सकता है और इसमें अधिकतर गरीब ही मारे जा रहे हैं, दोनों पक्षों से, जिसके लिए यह युद्ध तथाकथित रूप से लड़ा जा रहा है
नक्सली आरोप लगाते हैं कि सरकार ने उनके साथ दग़ाबाज़ी की है जब भी उन्होंने बात करने की कोशिश की और सरकार कहती है कि नक्सली बातचीत का सिर्फ बहाना करते हैं और बातचीत का उपयोग सिर्फ अपनी ताकत बढ़ाने के लिए करते हैं | दोनों बातों में सच्चाई है पर सच्चाई यह भी है कि आज के इस असामान्य परिस्थिति में युद्ध रोककर बातचीत न करना सारी दुनिया और मानवता के साथ दग़ाबाज़ी है
आप अभी बातचीत नहीं कर सकते, ठीक है, उसे समय देना होगा | पर दोनों पक्षों से अपील है कृपया दूसरे पक्ष की प्रतीक्षा न करते हुए अपनी तरफ से युद्ध विराम की घोषणा करें | यह ऐतिहासिक समय यह ऐतिहासिक निर्णय माँगता है
शुभ्रांशु चौधरी