दो दिवसीय “वन अधिकार मान्यता कानून” प्रशिक्षण शिविर कांकेर में सम्पन्न
कांकेर– वन अधिकार मान्यता कानून (RoFRA) 2006 के तहत 28 से 29 सितंबर 2019 तक RoFRA शोध व क्रियान्वयन दल KBKS कांकेर व जिला लघु वनोपज सहकारी संघ कांकेर के बैनर तले राज्य स्तरीय दो दिवसीय मास्टर ट्रेनर कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
प्रशिक्षण शिविर में राज्य भर के चुनिंदा 256 कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया साथ में पड़ोसी राज्य उड़ीसा के साथी भी उपस्थित थे वन अधिकार मान्यता कानून 2006 के बारे में प्रशिक्षण दिया गया जिसमें मास्टर ट्रेनर के रूप में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग रायपुर छत्तीसगढ़ नोडल विभाग के प्रतिनिधि के रूप में एफआरए सेल से मनोहर चौहान जी, पेसा कोर्डिनेटर प्रखर जैन जी,केबीकेएस सेनापति अश्वनी कांगे जी, जगत मरकाम, संदीप सलाम, योगेश नरेटी जी और रायपुर ऑक्सफैम इंडिया से विजेंद्र भाई के व्दारा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से RoFRA कानून का विस्तारपूर्वक महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान किया गया,
सामुदायिक अधिकार तथा सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के महत्व को समझाया गया एवं दीपक जुर्री, संतोष मरकाम,रवि प्रकाश कोर्राम जी के व्दारा जीपीएस मशीन के माध्यम से बारिकियों से जानकारी दिया गया । इसमें मुख्य अतिथि के रूप में वन मंडल अधिकारी राम सिंह मंडावी कांकेर एवं अतिथि के रूप में श्री ललित नरेटी, जयप्रकाश नेगी जी, प्यार सिंह मंडावी सरपंच कोकपुर, केशव मंडावी जी सरपंच किंरगोली उपस्थित रहे, राम सिंह मंडावी डीएफओ कांकेर ने अपने उद्बोधन में वनों की रक्षा एवं वन संसाधन के अधिकार पर दावा पर बल देते हुए कहा की जब तक समुदाय वनों की रक्षा के लिए चिंतित नहीं करेगा तब तक हम वनों की रक्षा नहीं कर पाएंगे हम अपने इकोसिस्टम को नहीं बचा पाएंगे अगर इको सिस्टम और जैव विधता को बचाना है तो वनों की रक्षा जरूरी है इसलिए वन अधिकार मान्यता कानून के तहत सामुदायिक अधिकार तथा सामुदायिक वन संसाधन पर दावा कर इस जंगल को बचाने की अपील की। इस प्रशिक्षण शिविर में प्रमुख रूप से वन अधिकार मान्यता कानून 2006 के सही क्रियान्वयन हेतु चरणबद्ध तरीके से कार्य करने तथा विधि सम्मत दावा प्रस्तुति से लेकर सत्यापन व निराकरण की प्रक्रिया पर विशेष रूप से जोर दिया गया । RoFRA के क्रियान्वयन में आने वाली आने वाली चुनौतियों को भी साझा किया गया ,साथ ही यह भी बताया गया कि वन अधिनियम 1927 के संशोधन प्रस्ताव से होने वाली दुष्प्रभाव पर भी चर्चा की गई।सभी मास्टर ट्रेनरों के माध्यम से उपस्थित सभी प्रशिक्षणार्थियों को वन अधिकार मान्यता कानून का पुस्तक प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम का संचालन भूपेंद्र नेताम के द्वारा किया गया ।