सुलग रहा है तमनार,महाजेंको का विरोध चरम पर
भाजपा और कांग्रेस दोनों पर धोखाधड़ी का आरोप
नीतिन सिन्हा की रिपोर्ट
रायगढ़ । राज्य में जहाँ रक तरफ पर्यावरणीय समश्या दिन ब दिन गम्भीर होते जा रही है। वही दूसरी तरफ केंद्र और राज्य सरकार की सहमति से जल,जंगल,जमीन उजाड़े जाने का क्रम जारी है।। इस कड़ी में रायगढ़ जिले के तमनार ब्लाक के एक दर्जन गांव को महाजेंको के कोल ब्लाक की स्थापना के लिए उजाड़ा जाना है। विस्थापन की इस प्रक्रिया को लेकर तमनार कोल ब्लाक प्रभावित 30 हजार ग्रामीण 27 सितंबर 2019 को ग्राम डोलेसरा गांव मर सम्पन्न होने वाली महाजेंको के जनसुनवाई का विरोध करने की तैयारी में है।
इस बात को लेकर तमनार के हजारों ग्रामीण ने यह तय किया है कि 30 हजार ग्रामीण जनसनुवाई का विरोध तो करेंगे ही सांथ ही उनकी इस लड़ाई में जिस तरह से राज्य की दोनो राजनीतिक पार्टियों ने उनके साथ धोखा किया है,इस बात से नाराज ग्रामीणों ने यह तय किया है कि अगर राजनीतिक दलों का रवैया ऐसा ही रहा तो वे राज्य में आगामी दिनों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव का बहिष्कार करेंगे। इस बात का संदेश तमनार के ग्रामीणों ने विगत दिनों विराट हुंकार रैली निकाल कर दे दिया था। जबकि विरोध को लेकर उनके द्वारा कई चरणों मे अलग-अलग बैठकें आयोजित की जा रही है।
जनचेतना के राजेश त्रिपाठी ने स्पष्ट किया जब राज्य और केंद्र सरकार के लिए *पेसा कानून* का कोई महत्व नही रहा और वो निजी कंपनियों के हित मे जल,जंगल,जमीन बेचने को तैयार हो गई हो तो,क्यों न हम ग्रामीण सीधे तौर पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का विरोध करें।
महाजेंको की प्रस्तावित जनसुनवाई को लेकर तमनार के ग्रामीण ने बताया कि हम सब ने तय किया है कि अगर हमारे क्षेत्र में 27 सितंबर 2019 को महाजेंको की जनसुनवाई होगी तो हम 30 हजार ग्रामीण आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बहिष्कार करेंगे। महाजेंको(अडानी) की जनसुनवाई के विरोध में तमनार के मंगल भवन साहू सदन में ग्रामीणों,बुद्धिजीवियों के अलावा स्थानीय राजनीतिक दल के नेताओं के बीच आवश्यक बैठक आहूत की गई,जिस पर ग्रामीणों के अलावा सभी लोगों ने साफ तौर पर कहा कि वे किसी भी शर्त या बहकावे में विस्थापन का दर्द सहने को तैयार नही है। महाजेंको की स्थापना के लिए प्रशासन ने जो खाखा तैयार किया है,जिसके तहत 15 से 20 हजार ग्रामीणों को तमनार से 120 किमी दूर सरिया-सोहेला की सीमा में विस्थापित करने की तैयारी है,वह उन्हें कतई स्वीकार नही है।। वे विस्थापन और सरकारी पुनर्वास की दशा-दुर्दशा विगत सालों में देख चुके है,अब तमनार की बची खुची जल,जंगल जमीन और प्राकृतिक सम्पदा का सौदा नही होने देंगे। जबकि स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि लैलूंगा के कांग्रेसी विधायक चक्रधर सिंह सिदार ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वो स्वयं महाजेंको के गैरकानूनी जन- सुनवाई का विरोध करते हुए ग्रामीणों के पक्ष में खड़े होंगे।
जनचेतना के रमेश अग्रवाल बताया कि राजनीतिक लोगो के साथ मीडिया समूह ने हमे हमारे जल,जंगल जमीन बचाने के प्रयास को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया है। उन्होंने कहा कि महाजेंको के जनसुनवाई अवैधानिक है,और हम जनचेतना के लोग ग्रामीणों के सांथ कम्पनी की प्रस्तावित जन सुनवाई का विरोध करते हैं।