रैबीज ग्रस्त बालक का ईलाज करने से मेकाहारा ने किया इनकार , सोशल मीडिया में वायरल होते ही सीएम ने की पहल रात में जी भेज दी मेडिकल टीम नारायणपुर
रायपुर । इसे कहते हैं सुशासन, संवेदनशील सरकार। नारायणपुर के बालक हेमन्त, जो रेबीज़ से पीड़ित है। उसकी सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घण्टे भर के भीतर ही कलेक्टर और स्वास्थ्य सचिव को बच्चे की स्थिति से अवगत कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग ने सक्रिय होकर 2 से ढाई घण्टे में बालक की जांच कर प्रतिवेदन भी प्रस्तुत कर दिया। ज्ञात हो कि नारायपुर जिले के ओरछा विकासखण्ड के ग्राम काकावाड़ा निवासी तथा रामकृष्ण मिशन आश्रम में 7 वीं कक्षा में अध्ययनरत बालक हेमंत अलामी के रेबीज बीमारी से पीड़ित होने की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसे गंभीरता से लिया और बालक के तत्काल समुचित ईलाज की व्यवस्था के लिए नारायणपुर जिले के कलेक्टर और स्वास्थ्य सचिव को निर्देशित किया है। बालक को काकावाड़ा से रायपुर लाने के लिए टीम रवाना हो गई है। बालक का एम्स में समुचित इलाज कराया जाएगा और इसका संपूर्ण खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। ओरछा से ग्राम काकावाड़ा ग्राम पंचायत थूलथूली 28 से 30 किलोमीटर है। जांच में पाया गया कि बालक की हालत गम्भीर है। पुनः मुख्यमंत्री महोदय ने निर्देश जारी किए कि रेबीज से पीड़ित नारायणपुर जिले के बालक हेमंत अलामी के इलाज का संपूर्ण खर्चा राज्य सरकार उठाएगी। दिन भर की व्यस्तता के बीच निश्चित ही मुख्यमंत्री थक भी गए होंगे, लेकिन वे आगे के दिशा निर्देश देने के लिए कलेक्टर की रिपोर्ट का इंतज़ार करते रहे। नहीं तो अन्य राज्यों में अमूमन ये होता कि दो-चार दिन में रिपोर्ट आती, फिर मुख्यमंत्री जब मर्जी हो रिपोर्ट देखते या मामले को ही भूल जाते। हालांकि अभी तक मेकाहारा के उन निर्दयी चिकित्सकों पर कोई कार्यवाही नही हुई जिन्होंने उक्त बालक का ईलाज करने के बजाय उसे वापस उसके गांव भेज दिया था । लेकिन श्री भूपेश बघेल ने इसके उलट एक नई नज़ीर पेश की है। उन्होंने मामले को तत्काल हल किया, कोरा आश्वासन नहीं दिया। उन्होंने नारायणपुर कलेक्टर और स्वास्थ्य सचिव को बालक के समुचित इलाज के लिए निर्देश दिए हैं। बालक को रायपुर लाने टीम रवाना हो चुकी है।
इसमें एक बात और गौरतलब है कि बच्चा जहां है, वहां तक पहुँचना मज़ाक नहीं है।
ज्ञात हो कि इसके पहले सोशल मीडिया में मुख्य मंत्री के नाम लिखा एक पत्र खूब वायरल हुआ था । जिसके अनुसार रैबीज पीड़ित बच्चे को गंभीर स्थिति में नारायण पुर स्कूल प्रशासन द्वारा ईलाज के लिए रायपुर लाये जाने पर मेकाहारा के शिशु विभाग के चिकित्सक की असंवेदनात्मक कृत्य का उल्लेख करते हुए कार्यवाही की मांग की गयी थी । पता चला है कि बच्चे के शरीर में पूर्ण रूप से रैबीज फैल चुका है , जिसका ईलाज देश में एम्स में ही आंशिक रूप से सम्भव है। ( यह समाचार पत्रकार प्रियंका कौशल , सन्तोष साहू व कुछ अन्य मीडिया के साथियों के फेसबुक वाल के आधार पर )