पीने के पानी के लिए दूसरे पंचायत के सहारे हैं कोयलाभट्टी के रहवासी


सुकमा जिले के विकासखण्ड छिंदगढ़ के ग्राम पंचायत कावराकोपा के आश्रित पारा कोयलाभट्टी के ग्रामीण पानी हेतु दूसरे पंचायत हमीरगढ़ के ग्राम काशनपाल के चुआं ( झरिया ) के भरोसे रहकर अपनी पानी की समस्या को दूर करने का प्रयास कर रहे है
30 से 35 घरों के लगभग 200 रहवासी रोजमर्रा के उपयोग हेतु पानी की व्यवस्था करने में अपने गाँव से लगभग डेढ़ किमी दूर ग्राम काशनपाल में एक छोटी डबरी में नहाने व डबरी के पास ही खेत में लकड़ी के खोह को गाड़कर पीने के पानी हेतु उपयोग करने हेतु मजबूर है ,कोयलाभट्टी की लगभग 55 वर्षीय महिला सोमड़ी ने गोंडी भाषा में अपनी तकलीफ बताई व कहा कि इस भीषण गर्मी में एक गुंडी पानी लाने में हम लोगों का पसीना निकल जाता है

तीन बोरिंग एक खराब दो में लाल पानी

ग्राम के रहवासी कमल,मुड़ा, लच्छू,हिड़मा, लक्खे,बुधरी,देवे आदि लोगों ने बताया कि गाँव में तीन पुराने बोरिंग है जिसमे से एक छतिग्रस्त है व दो से लाल पानी आ रहा है जिसके सेवन से बीमारी का डर रहता है इसी कारण हम लोग दूर से चुआं खोदकर पानी पीने हेतु मजबूर है ,बहुत बार शिविर में शिकायत भी किया परन्तु कोई भी हमारी आवाज नही सुनता ,गाँव के एक बारहवी पास युवक कमल का कहना है कि कोई भी जनप्रतिनिधि जनता का कार्य नही करते है सरपंच बनने के बाद जनता का सेवा करना चाहिए परन्तु अपना सेवा धर्म भूल कर अन्य कार्यो में लग जाते है

एन एच 30 के किनारे बसा हुआ है कोयलाभट्टी

आपको बता दें कि कोयलाभट्टी गाँव एन एच 30 के बिलकुल किनारे बसा हुआ है व सुकमा से जगदलपुर जाने हेतु इसी मार्ग का उपयोग अधिकारी व जनप्रतिनिधियों के द्वारा किया जाता है व इसी क्षेत्र का विकास का दावा कर चाहे वह पूर्ववर्ती सरकार हो या पांच बार के विधायक व वर्तमान सरकार में मंत्री सत्तासीन होते रहे है बावजूद इसके आज भी इस गाँव में पेयजल की व्यवस्था सुचारू रूप से नही है बृद्धजनो को दैनिक उपयोग हेतु डेढ़ डेढ़ किमी इस भीषण गर्मी में पैदल चल कर पानी की व्यवस्था खुद चुआं खोदकर करनी पड़ रही है

संजय सिंह की रिपोर्ट , कुकानार सुकमा से

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