सरकार और माओवादियों के बीच बातचीत के प्रयास हेतु बुद्धिजीवियों की समिति गठित
रायपुर २२ फरवरी, २०२१, प्रदेश में सिविल सोसाइटी (सभ्य समाज) के सदस्यों की एक बैठक में आज बस्तर में चल रही राजनैतिक हिंसा को समाप्त करने सरकार और माओवादियों के बीच बातचीत के प्रयास शुरू करने हेतु एक समिति गठित की गयी है. इस ११ सदस्यीय समिति को ज़िलों में और सदस्यों को जोड़ने एवं कोर टीम बनाने का अधिकार दिया गया है
इस समिति के प्रमुख सदस्य पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविन्द नेताम, पूर्व अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति आयोग नन्द कुमार साय और सीपीआई नेता मनीष कुंजाम हैं. बीबीसी के पूर्व पत्रकार शुभ्रांशु चौधरी को इस समिति का संयोजक बनाया गया है. समिति के अन्य प्रमुख सदस्य पत्रकार दिवाकर मुक्तिबोध, कमल शुक्ला, सामाजिक कार्यकर्ता इंदु नेताम और सर्व आदिवासी समाज के मनोनीत कार्यकारी अध्यक्ष बी एस रावटे हैं
समिति के सदस्यों ने कहा अभी की राज्य सरकार ने अपने घोषणापत्र में बातचीत के लिए गंभीर प्रयास किए जाने का वादा किया था, यह सरकार को याद दिलाने और आज के दिन में किसी भी राजनैतिक उद्देश्य के लिए हिंसा की अनुपयुक्तता को माओवादियों को बताने की ज़रूरत है और इस समस्या के समाधान के लिए बातचीत के अलावा और कोई तरीका नहीं है
यह समिति विभिन्न जिलों में बैठक कर अपनी सदस्यता बढ़ाने का प्रयास करेगी. उन्होंने कहा इस तरह के प्रयास यद्यपि आँध्रप्रदेश में पहले असफल हुए हैं पर हमें उन गलतियों से सीख लेना है और दुनिया के और देशों में हुए सफल प्रयोगों का भी अध्ययन करना है. समिति इस दिशा में हो रहे प्रयास जैसे नई शांति प्रक्रिया के दांडी मार्च दिवस १२ मार्च से होने वाले अबूझमाड़ से रायपुर तक की शांति पदयात्रा का समर्थन करती है, पदयात्रा के अंत में २३ और २४ मार्च को रायपुर में आयोजित पहली पीड़ितों की बैठक चैकले मांदी का भी समिति समर्थन करती है जिसमें दोनों पक्षों से पीड़ित परिवार पहली बार एक मंच में आएंगे
राजनेता वीरेंद्र पांडे, लेखक गिरीश पंकज, सीपीआई के राज्य सचिव आरडीसीपी राव इस समिति के अन्य सदस्य हैं. समिति पीड़ितों के रजिस्टर बनाए जाने जैसे प्रयासों का भी समर्थन करती है जिसमें पिछले ५० सालों से अधिक समय में हिंसा से प्रभावित लोगों की सूची बनाने का प्रयास किया जा रहा है, कुछ माह पहले हुए एक फ़ोन जनमत संग्रह में भी ९२% लोगों ने इस समस्या के बातचीत के माध्यम से एक शांतिपूर्ण समाधान के प्रयास का आग्रह किया था