छत्तीसगढ़ में पुलिस अभिरक्षा में फिर एक मौत, यहां की बेलगाम पुलिस पर कब शिकंजा कसेगी सरकार ?

एक और आदिवासी युवक की पुलिस ने ले ली जान, लटोरी चौकी प्रभारी तथा दल-बल पर परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप…

जितेंद्र जायसवाल / प्रताप नारायण सिंह


सूरजपुर
– प्रदेश में पुलिस अभिरक्षा में मौतों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है संभाग के सबसे बड़े कस्टोडियल डेथ पंकज बेक मामले में जहां सरकार पर आरोपियों को बचाने की बात सामने आई थी और अब तक पंकज बेक के परिजनों को न्याय नहीं मिल सका है वही संभाग के ही सूरजपुर जिले के लटोरी चौकी में पुलिस की पिटाई से विद्युत विभाग के एक जूनियर इंजीनियर पूनम कतलम की मौत का मामला सूरजपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई तीखे सवाल खड़ा कर रहा है।

गौरतलब है कि बीते सोमवार को लटोरी चौकी अंतर्गत करवा विद्युत सब स्टेशन के सामने मुख्य मार्ग पर तड़के एक युवक की नग्न लाश मिली थी जिसकी शिनाख्त गजाधरपुर निवासी 24 वर्षीय हरिश्चंद्र पिता धनेश्वर के रूप में हुई थी सूचना पर लटोरी चौकी प्रभारी सुनील सिंह दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे मृतक के शरीर पर चोटों के निशान व अन्य जानकारियों के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीक होने पर मामले की विवेचना शुरू की गई जांच में यह तथ्य सामने आई कि मृतक बीते शाम विद्युत सब स्टेशन में ही मौजूद था।

वहां शराब को लेकर आपस में ही विवाद हो गया जहां विजय तथा जेई पूनम कतलम भी मौजूद था। इसी हत्या के मामले में मुख्य आरोपी विजय के साथ संदेही बतौर पूनम कतलम को भी पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, परिजनों का आरोप है कि पूनम कतलम के साथ पुलिस चौकी में मारपीट की गई और जब तबीयत बिगड़ी तब उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी मौत हो गई। दूसरी ओर इस मामले में भी पुलिस कहानी बनाती नजर आई अपने दलील में पुलिस कप्तान सूरजपुर ने स्पष्ट तौर पर कहां की जेई पूनम कतलम को चौकी में लाया ही नहीं गया था जेई शराब के नशे में थे उन्हें सीधे अस्पताल लेकर पहुंची थी जहां आज सुबह करीब 4:40 बजे पूनम की मौत हो गई।

प्रदेश के पुलिस मुखिया डी०एम० अवस्थी को ही संज्ञान लेना पड़ेगा क्या?

पुलिस अभिरक्षा में मौतों के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ प्रदेश सरकार ने भी प्रत्येक थाना चौकियों में सीसीटीवी कैमरा 24 घंटे चालू हालत में लगाने के निर्देश भी दिए थे किंतु आपके लटोरी चौकी का सीसीटीवी कैमरा बंद है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीसीटीवी कैमरा मात्र 2 दिन चालू हुआ था फिर बंद हो गया आखिर क्यों और कैसे?

पुलिस कस्टडी में डेथ और वह भी एक शासकीय जिम्मेदार अधिकारी की, जो विद्युत विभाग में जेई के पद पर कार्यरत था, पुलिस अभिरक्षा का मृतक जिसे हत्या जैसे गंभीर मामले में बतौर आरोपी पुलिस ने अपनी गिरफ्त में लिया तो क्या विभाग के उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं देनी चाहिए थी? इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली स्वयं ही कई संदेह उत्पन्न कर रही है। अब देखना होगा की प्रदेश में हो रहे कस्टोडियल डेथ जैसे मामलों में गंभीर प्रदेश के पुलिस मुखिया डीएम अवस्थी इस मामले की सच्चाई को सामने लाने में उम्मीद की एक किरण के रूप में काम करते हैं या यूं ही मामला पुलिस की कहानियों में दफन हो कर रह जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष ने घटना पर जताया दुख, मामले की निष्पक्ष हो जांच – कौशिक

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सुरजपुर जिले के लटोरी पुलिस चौकी में आदिवासी इंजीनियर पूनम कतलाम की संदिग्ध मौत पर दुख जताते हुए कहा कि इस पूरे घटना के लिये जिम्मदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिये। साथ ही इस पूरे मामले की न्यायिक जांच हो। उन्होंने कहा कि थाना परिसर में युवा इंजीनियर की संदिग्ध मौत ने कई सवालों को जन्म दिया है। आखिकार किन परिस्थियों में मौत हुई है। पुलिस प्रताड़ना के कारण मौत हुई तो यह बेहद दुखद और शर्मनाक है। इस पूरे मामले की परिवार के मांग के मुताबिक सूक्ष्मता से जांच की जरूरत है। कौशिक ने कहा कि विशेष चिकित्सकों के निगरानी में मृतक इंजीनियर के शव का ‘पोस्टमार्टम’ किया जाना चाहिये। इसके साथ ही आश्रित परिवार के एक सदस्य को तत्काल नौकरी व आर्थिक मदद किया जाना चाहिये।

आमजनों के साथ-साथ मृतक पंकज बेक की पत्नी में दिखा आक्रोश का माहौल…

अब तक मृतक पंकज बेक की पत्नी रानू बेक को न्याय नहीं मिला शायद इसलिए, अपने न्याय को भूल वर्तमान में जेई कतलम के मौत के बाद उसके परिजनों के साथ खड़ी हुई। साथ ही जन आक्रोश देखने को मिला। शायद ही कतलम के परिजनों को न्याय मिले पर लोगों में लापरवाहीयों के विरुद्ध जागरूकता देखने को मिला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!