शिव राम प्रसाद कल्लूरी को गिरफ्तार करो: BBSSS

बस्तर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति
(25 सामाजिक-राजनैतिक संगठनों का मंच)

बस्तर में आदिवासियों के निर्मम दमन, हत्या, लूट, बलात्कार एवं अन्य संगीन मामलो में शिवराम प्रसाद कल्लूरी को गिरफ्तार कर आपराधिक प्रकरण दर्ज हो
माओवादियों के उन्मूलन के नाम पर बस्तर आईजी शिवराम प्रसाद कल्लूरी के नेतृत्व में निर्दोष आदिवासियों पर घनघोर दमन चल रहा है. निर्दोष आदिवासियों की हत्या, महिलाओं के साथ सुरक्षा बलों द्वारा सामूहिक बलात्कार, लूट, मारपीट सहित उन्हें अनेक तरह से प्रताड़ना दी जा रही है. उनको घरों से भगाकर सैकड़ों गावों को वीरान करवा दिया गया है. जिन आदिवासियों ने विरोध किया उनके घरों को लूटा गया व जलाया गया. ऐसी ही घटना 5 वर्ष पूर्व सुकमा जिला के ताड़मेटला, मोरापल्ली और तिमपुरम गांवों में घटी थी जिसमे तत्कालीन एसएसपी शिवराम प्रसाद कल्लूरी के आदेश पर पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया था। इस दौरान तीन आदिवासी मारे गए, तीन महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया गया और तीनों गांवों में 252 घर जला दिए गए। 11 से 16 मार्च-2011 के बीच बस्तर के ताड़मेटला, मोरापल्ली और तिमपुरम गांवों में यह घटना घटी थी जिसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश और प्रोफेसर नंदिनी सुंदर की ओर से दायर याचिका के माध्यम से की गई. इस मामले की जाँच सीबीआई ने की और 21 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने गवाहों और दस्तावेजों के आधार पर यह बताया कि गांवों में सीआरपीएफ, विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) और राज्य पुलिस की टुकड़ी की मौजूदगी के दौरान ही आगजनी, आदिवासियों को मौत के घाट उतारने और महिलाओं के साथ बलात्कार की घटना घटित हुई थी। जबकि कल्लूरी की रिपोर्ट के आधार पर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से यह कहा गया कि गांवों में आगजनी की घटना को माओवादियों ने अंजाम दिया था. जाहिर है इस पूरे मामले के निष्कर्ष के रूप में केंद्र सरकार की मुख्य एजेंसी सीबीआई की जाँच से स्पष्ट हो गया है कि ताड़मेटला कांड के मुख्य अपराधी एस आर पी कल्लूरी है जो वर्तमान में बस्तर के आईजी बने बैठे है. वर्तमान में भी इनके नेतृत्व में आदिवासियों पर निर्मम अत्याचार जारी है. हाल ही में इसी वर्ष 3 फरवरी को मारडूम में हिडमो की हत्या पुलिस द्वारा की गई और पुन: इस थाना क्षेत्र से हाल ही में ग्राम बुरदूम में दो स्कूली छात्रो की हत्या कर उन्हें नक्सली बताया गया. 11 जून को सुकमा के गोमपाड़ में मडकम हिडमे की सुरक्षा बलों द्वारा बलात्कार कर हत्या कर दी गई. इनमें से किसी भी मामले में कोई भी दोषी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार तक नही किया गया. बल्कि इसके उलट जिन लोगो ने पुलिस अपराध को आम जनता के सामने लाया उन्हें जेल में डालकर प्रताड़ित किया गया. ताड़मेटला कांड की विडिओ बनाने वाले स्वतन्त्र पत्रकार लिंगाराम कोड़ोपी को झूठे मामलो में फंसाकर डेढ़ साल तक जेल में डाला गया और उन्हें अमानवीय प्रताड़ना दी गयी. इसी तरह सोनी सोरी पर मारडुम मामले को सामने लाने के बदले में पहले तेजाबी केमिकल से हमला किया गया और अब झूठे मामले में गिरफ्तार करने और जान से मारने की धमकी दी जा रही है.



बस्तर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति राज्य सरकार से मांग करती है कि बस्तर आईजी शिवराम प्रसाद कल्लूरी को तत्काल गिरफ्तार कर उन पर ताड़मेटला कांड में सीबीआई जाँच के निष्कर्ष के आधार पर उन पर अपराधिक प्रकरण दर्ज करे. बस्तर में माओवादी उन्मुलन के नाम पर आदिवासियों पुलिस अत्याचार बंद किये जाये अन्यथा बस्तर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति राज्यव्यापी आन्दोलन के लिए बाध्य होगी.
-: -विनीत :-
बस्तर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति
* सोनी सोरी – आम आदमी पार्टी * अरविन्द नेताम – सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ * नवल सिंह मंडावी – छत्तीसगढ़ गोंडवाना समाज * सुनउराम नेताम आदिवासी कल्याण संस्थान छत्तीसगढ़ * संजय पराते – मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी * सौरा यादव – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (ML) रेड स्टार * विजेंद्र तिवारी – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ML लिबरेशन * कमल शुक्ल – बस्तर पत्रकार संयुक्त संघर्ष समिति * सुधा भारद्वाज – पीयूसीएल छत्तीसगढ़ * कलादास डहरिया – छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मज़दूर कार्यकर्ता समिति) * आलोक शुक्ला -छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन * रिनचिन – छत्तीसगढ़ महिला अधिकार मंच * जनकलाल ठाकुर – छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा * जीतगुहा नियोगी – जनमुक्ति मोर्चा * विजय – भारत जन आंदोलन * प्रसाद राव – छत्तीसगढ़ क्रिश्चयन फोरम * एपी जोसी – छत्तीसगढ़ क्रिश्चियन फेलोशिप * * दाउद हसन – जमात-ए-इस्लामी स्टूडेंट फेडरेशन * गोल्डी जार्ज – दलित मुक्ति मोर्चा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!