निर्माण के 15 सालों बाद भी जिस नहर से 1 बूंद पानी नहीं पहुंचा किसानों के खेतों में। अब उसी नहर की मरम्मत के लिए 1 करोड़ फूंकने की है तैयारी।
विभाग ने ठेकेदार को बिन काम के ही कर दिया 85 लाख का भुगतान।
मुकेश चन्द्राकर
बीजापुर ( भूमकाल समाचार ) जिले के जल संसाधन विभाग ने किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने के उद्देश्य से मनरेगा के बजट पर ही पानी फेर दिया। निर्माण के 15 सालों में जिस नहर से एक बूंद पानी का सिंचाई किसानों के खेतों में नहीं हुआ अब उसमे रिटर्निंग वॉल के निर्माण के नाम पर सरकारी खजाने से 1 करोड़ रुपये फूंकने की है तैयारी। दरअसल उदवहन योजना के तहत नहर में रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया जाना था। ठेकेदार द्वारा 5 फीसद काम किये बिना ही विभाग ने ठेकेदार को करीब 85 फीसद राशि का भुगतान कर दिया है।
ज़िले के भोपालपटनम जनपद पंचायत के अर्जुनल्ली ग्राम पंचायत में उद्वहन योजना के तहत आज से 15 साल पहले निर्मित नहर के दोनों किनारों पर 1320 मीटर पर रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया जाना था। फरवरी 2020 में ज़िला पंचायत द्वारा इस निर्माण कार्य के लिए कार्यपालन अभियंता जल संसाधन संभाग बीजापुर को कार्य एंजेसी बनाया गया था। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना यानी कि मनरेगा के तहत नहर के दोनों किनारों पर रिटर्निंग वॉल के निर्माण लिए 1 करोड़ 5 लाख 34 हज़ार रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गयी है। इस नहर के दोनों किनारों पर ठेकेदार द्वारा केवल 150 मीटर आधा-अधूरा गुणवत्ताहीन रिटर्निंग वॉल का निर्माण किया गया है। मगर कमीशनखोरी के लालच में विभाग ने ठेकेदार को गैरकानूनी तरीके से 84 लाख 48 हज़ार रुपये का भुगतान कर दिया है। मतलब साफ है कि 5 फीसद काम के लिए विभाग ने ठेकेदार और खुद की तिजोरी भरने सरकारी खजाने पर डाका डालते हुए 85 फीसद राशि का भुगतान कर दिया है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि जिस नहर में रिटर्निंग वॉल का निर्माण करवाया जा रहा है। उसका निर्माण 15 साल पहले किया गया था। ग्रामीण बताते हैं कि इस नहर से पिछले 15 सालों में आज तक एक बूंद पानी उनके खेतों तक नहीं पहुंचा है। ग्रामीणों ने बताया कि विभाग द्वारा रिटर्निंग वॉल के निर्माण के नाम पर फिजूलखर्ची की जा रही है। रिटर्निंग वॉल के निर्माण के बाद भी ये नहर ग्रामीणों के तब तक किसी काम का नहीं है। जब तक कि पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया जाता। ग्रामीणों का आरोप है कि उनके या पंचायत के मांग या प्रस्ताव के बिना ही उनके गांव में 1 करोड़ के प्रोजेक्ट पर सिंचाई विभाग द्वारा निर्माण कार्य किया जा रहा है।
इधर सत्ताधारी दल के स्थानीय जनप्रतिनिधि भी जल संसाधन संभाग बीजापुर पर रिटर्निंग वॉल के निर्माण में बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देने का आरोप लगा रहे हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी- पोषणलाल चन्द्राकर, मनरेगा के सहायक परियोजना अधिकारी-मनीष सोनवानी और जल संसाधन संभाग के कार्यपालन अभियंता-जे.पी. सुमन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए ज़िला पंचायत सदस्य बसन्तराव ताटी बताते हैं कि रिटर्निंग वॉल के निर्माण के नाम पर हुए भ्रस्टाचार में इन सभी अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद है।
उधर जल संसाधन संभाग के प्रभारी ई.ई. जे.पी. सुमन अपनी कारिस्तानी पर पर्दा डालते हुए कैमरे के सामने झूठ बोलते नज़र आ रहे हैं। ई.ई. का कहना है कि कोरोना और लॉक डाउन की वजह से निर्माण कार्य ठहरा हुआ है। और साथ ही ई.ई. द्वारा ठेकेदार को मटेरियल सप्लाई का भुगतान किए जाने की बात कही जा रही है। जबकि निर्माण स्थल पर किसी भी तरह का कोई मटेरियल नज़र नहीं आ रहा है। ज़िला पंचायत CEO पोषणलाल चन्द्राकर का कहना है कि सामान्य सभा की बैठक में रिटर्निंग वॉल के निर्माण में किये भ्रष्टाचार की शिकायत की गई थी जिसके बाद जल संसाधन विभाग के ई.ई. जे.पी. सुमन से स्पष्टिकरण मांगा गया है साथ ही मामले की जांच के लिए जांच टीम भी गठित की गई है।
मुकेश चन्द्राकर