पद्मश्री मोक्षदा (ममता) चन्द्राकर इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की कुलपति नियुक्त

पीयूष कुमार

छत्तीसगढ़ की राज्यपाल ने सुप्रसिद्ध लोकगायिका, मोक्षदा चन्द्राकर (ममता चन्द्राकर) को इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ का कुलपति नियुक्त किया है। राज्यपाल एवं कुलाधिपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ अनुसुईया उइके द्वारा जारी आदेश में यह उल्लेखित किया गया है कि मोक्षदा चन्द्राकर का कार्यकाल, उपलब्धियां तथा सेवा शर्त विश्वविद्यालय अधिनियम एवं परिनियम में निहित प्रावधान के अनुसार होंगी।

ममता चन्द्राकर जी का जन्म 3 दिसंबर 1958 को हुआ था। वे छत्तीसगढ़ की स्वर कोकिला कहलाती हैं। दुनिया भर में अपनी कला का प्रदर्शन करने वाली ममता चंद्राकर ने खैरागढ़, इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से संगीत में मास्टर्स डिग्री ली है। बाद में उन्हें इसी विवि द्वारा डी. लिट. की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। तमाम पुरस्करों के साथ उन्हें सन 2016 में भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में पद्मश्री से और 2013 छत्तीसगढ़ रत्न में अलंकृत किया जा चुका है। वे आकाशवाणी रायपुर, में 36 वर्षों के कार्यकाल के बाद 2018 में सेवानिवृत्त हुई थीं।

ममता जी का छत्तीसगढ़ी लोक गायकी को विकसित करने और स्थापित करने में बड़ा योगदान है। आप इन्हें यू ट्यूब में सर्च करके देख सकते हैं, तमाम छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक परम्पराओं के संगीतात्मक स्वरूप को इन्होंने संजोकर रख लिया है। हमारे यहाँ विभिन्न सांस्कृतिक अवसरों पर बज रहे गीतों में आप इनकी ही आवाज सुनेंगे। एक लोक कलाकर और आकाशवाणी में अधिकारी होने का दीर्घ अनुभव उनके इस नये कार्य मे सहायक सिद्ध होगा और एशिया के पहले (और संभवतः एकमात्र) संगीत विवि को नई ऊंचाइयां मिलेंगी, ऐसी आशा है।

पीयूष कुमार

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