बिजली न पानी, आंगनबाड़ी भी बिना भवन के मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा ग्राम गुंदुल
नियत श्रीवास
कोयलीबेड़ा। अबुझमाड़ की पहाड़ियों से लगा आलपरस पँचायत का आश्रित ग्राम गुंदुल जहां ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं भी नसीब नही हो पा रही।
ग्रामीणों ने बताया कि डेढ़ वर्ष हो गए बिजली के लिए पोल लगाए जा रहे थे । घरों में कनेक्शन के नाम पर मीटर लगाए गए भोले-भाले ग्रामीणों से दो सौ, किसी से चार सौ रुपये मीटर शुल्क के नाम पर वसुला गया । पर बीच मे ही बिजली का काम बंद हो गया और गांव को बिजली आज तक नसीब नही हुई । यहां तक कि विद्युत विस्तार में काम कर रहे ग्रामीणों को मजदूरी तक नही मिली और गढ्ढे खोदकर पोल फेंककर ठेकेदार फरार हो गया जो आज डेढ़ वर्ष बाद भी नही लौटा ।
बिजली पोल के लिए खोदे गए गढ्ढे से आये दिन हादसे होते रहते हैं कभी बच्चे तो कभी मवेशी इन गढ्ढा के कारण चोटिल हो जाते हैं। प्रशासन यूँ तो लाख दावे करती है कि हर घर बिजली पहुंच चुकी है पर आज भी गुंदुल की तरह कई गांव ऐसे हैं जहां बच्चे चिमनी की रौशनी में पढ़ने को मजबूर हैं। ये ऐसे गांव हैं जहां आजतक पँचायत सचिव के अलावा कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नही पहुंचा जो लोगों की समस्याओं को देख सके।
सिर्फ बिजली ही नही ग्राम गुंदुल के समस्याओं की फेहरिस्त लम्बी है । गुंदुल के पटेलपारा में आज भी ग्रामीण झरिया का पानी पीने को मजबूर हैं । दो हेण्डपम्प खोदे गए थे पर आयरन की मात्रा इतनी अधिक थी कि लोगों के दांत काले पड़ने लगे थे । उपयोग बन्द हुआ तो हेण्डपम्पों ने भी जवाब दे दिया और पानी के लिए ग्रामीण झरिया पर ही आश्रित हो गए । झरिया का पानी पीकर ग्रामीण बीमार भी हो रहे हैं। पर मजबूरी में करें भी तो क्या हेण्डपम्प में फिल्टर लगाने से इनकी पानी सम्बन्धी समस्या दूर हो सकती हैं पर आवेदन निवेदन के बाद भी किसी को कोई सरोकार नही। आंगनबाड़ी केंद्र भवन विहीन है, हेण्डपम्प एक साल से खराब है आपसी चंदा करके ग्रामीणों ने हेण्डपम्प मरम्मत कराया पर भी पाइप नही होने से बार बार मरम्मत कराना सम्भव नही हो रहा । स्कूल और आंगनबाड़ी के बच्चों को एक किलोमीटर दूर से लाकर पानी पिलाया जा रहा । ग्रामीण भी एक मात्र हेण्डपम्प पर आश्रित हैं। लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग का कोई भी नियमित कर्मचारी कोयलीबेड़ा में नही , इसलिये पानी की समस्याओं पर अंकुश नही लग पा रहा।
गुंदुल के 45 घरों में 550 के लगभग ग्रामीण निवास करते हैं, इनकी मांग है मूलभूत सुविधाओं जैसे बिजली,पानी ,और स्वास्थ्य सेवाएं हमे उपलब्ध हो जाये तो हमे बहुत सुविधा हो जाएगी कई बार आवेदन भी किये पर कोई कार्यवाही नही हो रही जिससे ग्रामीण हताश हैं और प्रसाशन के खिलाफ आक्रोशित भी। ग्रामीण फगनी बाई, बुधराम,दरबार सिंग, सोमा राम, मस्सू राम,श्याम बाई, सत्तो बाई आदि ने बताया कि हमारी समस्याओं को लगातार अनसुना किया जाता रहा है कई बार मांग के बावजूद न तो हेण्डपम्प का मरम्मत हो पा रहा है न ही बिजली के लिये कोई कार्यवाही हो रही है ।