आदिवासी नेत्री सोनी सोरी गिरफ्तार, सरकार से बातचीत में रूकावट
छत्तीसगढ़ के दन्तेवाड़ा जिले में जिला पुलिस द्वारा आदिवासियों और सरकार के बीच संवाद स्थापित करने के लिए आम सभा करने पहुंचीं सोनी सोरी को जबरन गिरफ्तार कर लिया गया है। सोनी सोरी द्वारा गिरफ्तारी वारंट मांगे जाने पर पुलिस ने वहां मौजूद आदिवासियों पर लाठीचार्ज किया और सोनी सोरी को गिरफ्तार कर दंतेवाड़ा सिटी कोतवाली में रखा गया है। यह जानकारी वहां मौजूद पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता लिंगाराम कोडोपी ने दी है।
लिंगाराम कोडोपी ने बताया कि कांग्रेस सरकार में सत्ता में आने से पहले बस्तर के आदिवासियों के हालतों को सुधारने, जेलों में झूठे प्रकरणों में बंद आदिवासियों के रिहाई और अनुसूचित क्षेत्र में 5वीं तथा 6वीं अनुसूची लागू करने के लिए जो वादा किया था उस वादे को यादे दिलाने के लिए बड़ी संख्या में दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर सरकार से आदिवासी सोनी सोरी के नेतृत्व में संवाद स्थापित करना चाहते थे। उनका कहना है कि पालनार या नकुलनार में से किसी एक स्थान पर आदिवासी एकजुट होकर इस त्वरित मसले पर बातचीत करना चाहते थे। नकुलनार में सभा करने की अनुमति नहीं दी गई। आदिवासियों का कहना था, कि सभा शांतिपूर्ण ढंग से ही अंजाम दिया जाता लेकिन पुलिस ने कहा कि बिना अनुमति आप सभा नहीं ले सकते हैं तो सोनी सोरी ने कहा कि हम सरकार से बातचीत करना चाहते हैं ना कि अशांति और बात रखने के लिए शासन की अनुमति की जरूरत नहीं होती है। बाद में 6 हजार से अधिक आदिवासी सभा के लिए पालनार में इकट्ठा होना शुरू किया दिया था लेकिन इस बीच लगभग 200 की संख्या में सशस्त्र बलों ने कार्यक्रम होने नहीं दिया।
सोनी ने कहा कि मैंने जिला दंडाधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी को सूचना दे चुकी है लेकिन सभा स्थल में मौजूद पुलिस और उनके अधिकारी सूचना को मानने से मना कर दिया। इस मामले में सीपीआई और उसके नेता मनीष कुंजाम भी आने वाले थे उनके आने के 20 मिनट पहले ही सोनी को गिरफ्तार कर जीब में जबरन भर दिया गया। और उपस्थित हजारों आदिवासियों के साथ लाठीचार्ज किया गया।
लिंगाराम कोडोपी ने इससे पहले ही फेसबुक के जरिए जानकारी दी थी कि आम सभा को रोकने के लिए पुलिस द्वारा तरह-तरह से अड़चने पैदा की जा रही है। पुलिस द्वारा सोनी सोरी को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रहीं हैं और थाना लेकर जाने को बोल रहे हैं। हजारों आदिवासी आम सभा के लिए आ रहे हैं। पुलिस रोकने की फिराक में है।
इससे पूर्व पत्रकार कोडोपी ने सोशल मीडिया में इस सभा के दौरान आशंकाओं को लेकर चिंता जताई थी। आशंका जताते हुए कहा था कि हो सकता है, सोनी सोरी के साथ पुलिस द्वारा पुराने घटना को दोहराया जा सकता है। आप सब से मदद की उम्मीद में… छत्तीसगढ़ राज्य की कांग्रेस सरकार की हकीकत सामने आ रही है… देखते रहिये। उन्होंने बस्तर के बिगड़ते हालातों पर चिंता और मदद की गुहार भी लगाई है।
इस पोस्ट के दो घंटे बाद ही लिंगाराम कोडोपी ने सोनी सोरी को गिरफ्तार किए जाने की खबर सोशल मीडिया में प्रकाशित कर दी है। और इसकी सूचना की पुष्टि भी की है, वे वहीं मौजूद थे जिसका वीडियो भी उन्होंने शेयर किया है। लिंगाराम कोडोपी आदिवासी पत्रकार हैं जो लगातार आदिवासियों के संघर्षों पर रिपोर्टिंग करते रहे हैं। सोरी भी लगातार फर्जी मुठभेड़, खनिज सम्पदाओं की लूट, आदिवासी अस्मिता और निर्दोष आदिवासियों की गिरफ्तारी और उन्हें जेलों से रिहा करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हाल ही में उनके साथ बेला भाटिया के खिलाफ एनएमडीसी में फर्जी मुठभेड़ का पर्दाफाश करने से सरकार की किरकिरी हुई है। वह निडरता के साथ आदिवासियों के दुख दर्द में हर जगह अस्वस्थता के हालातों में खड़ी नजर आती हैं। आज वे इस आम सभा के माध्यम से सरकार से आदिवासियों के मुद्दों को लेकर संवाद करने के लिए आदिवासियों को संबोधित करने वाली थीं जिसे रोकने के लिए जिला पुलिस प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी।
बहरहाल आदिवासियों के स्वशासन और मालिकाना अधिकार का उल्लंघन कर उनके साथ नाइंसाफी का सिलसिला काफी लंबे समय से चला आ रहा है। जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई तो इस जीत में सोनी सहित बस्तर के आदिवासियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आदिवासियों को लगा कि शायद बदतर हालात बदलेंगे लेकिन, कुछ ही महीनों में आदिवासियों के साथ वही सिलसिला शुरू हो गया है जो इससे पूर्व भाजपा शासनकाल में हो रहा था। लिहाजा शासन और प्रशासन बस्तर में अपने वादों से मुकर रही है।