दो माह में रेलवे को 30 करोड़ की क्षति, पुलिस अधिकारियों को कल्लूरी ने लगाईं फटकार
कल्लूरी ने स्वीकारा बस्तर में नक्सलियों का प्रभाव बढ़ा
आईपीएस अधिकारियों की भूमिका से जताई नाराजगी
भूमकाल समाचार @ जगदलपुर
बस्तर आईजी शिव राम प्रसाद कल्लूरी ने स्वीकार किया कि बस्तर पुलिस रेलवे संपत्ति की सुरक्षा करने में नाकाम रही है । उन्होंने बताया कि पिछले दो माह के भीतर माओवादी बस्तर में रेलवे को 30 करोड़ का नुकसान पहुँचाने में सफल रहे हैं । इसके लिए आईजी ने अपने बस्तर के आईपीएस अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी भूमिका पर अफ़सोस और नाराजगी जाहिर की है ।
अत्यंत भावुक लहजे में पत्रकारों को संबोधित करते हुए 04 सितंबर रविवार को जगदलपुर में हुए एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि रेलवे को जब-जब नुकसान होता है तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से बहुत तकलीफ होती है। प्रेसवार्ता के दौरान भावुक होकर एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि उनके पिता रेलवे बुकिंग क्लर्क थे । इसलिए रेलवे का नुकसान अपने घर का नुकसान लगता है। उन्होंने नक्सलियों द्वारा दिन प्रतिदिन रेलवे को नुकसान पहुंचाये जाने को लेकर अपने अधिकारियों को दोष देते हुए उनकी कार्यपद्धति की आलोचना करते हुए कहा कि अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी ।
नक्सलियों पर अब कड़ी कार्यवाही करने की घोषणा करते हुए उन्होंने माना कि उनके अधिकारी और जवान अभी तक नरमी बरत रहे थे । उन्होंने आशा व्यक्त किया है कि अब पुलिस अधिकारी माओवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने की नीति बनाएंगे ।
ज्ञात हो कि, पिछले माह में ही प्रदेश के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक में शिव राम प्रसाद कल्लूरी की तारीफ करते हुए । उनके ऊपर लगे आदिवासी अत्याचार के तमाम आरोपों को दरकिनार करते हुए दावा किया था कि बस्तर से नक्सलवाद समाप्ति की कगार पर है। उसके बाद स्वयं बस्तर आईजी द्वारा आंकड़ों के साथ नक्सलियों के द्वारा मात्र दो माह के भीतर रेलवे को 30 करोड़ रुपये से ज्यादा की क्षति पहुँचाये जाने की स्वीकारोक्ति ने मिशन 2016 और रमन सिंह की घोषणा दोनों पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है ।
ध्यान रहे कि पिछले माह में ही हजारों करोड़ के स्टील प्लांट की योजना को टाटा एवं एस्सार ने माओवादियों के बढ़ते आतंक की वजह से बस्तर से बंद करने की घोषणा कर दी है ।
(बस्तर के पत्रकार सुधीर जैन के हवाले से जारी व्हाट्स एप्प प्रेस विज्ञप्ति से साभार)