अभी तो और सुधरेगा देश
क़ैद में इस देश के एक स्टेट का एक महीना पूरा हुआ। जो बोल सकता था वह पहले ही अरेस्ट हुआ। जिन्होंने बाद में रिक्वेस्ट भी की वे अरेस्ट हुए। हम सब यहाँ से खुशियाँ ज़ाहिर कर रहे हैं कि कश्मीर में खुशहाली आने वाली है और हमें पता ही नहीं हमारी अपनी जिंदगियों में वीरानी और मातम कैसे धीरे धीरे अपने लिए स्थायी जगह बनाने की तैयारी में है। इतना धीरे कि हमें उसका दंश गुद गुदाहट जैसा लग रहा है। 12000 की क़ीमत वाले स्कूटर पर 23000 का चालान हो गया। इससे बेहतर स्कूटर पुलिस को सौंपकर निकल ले। ईएमआई की व्यवस्था हो जाए। भक्त इसमें देशहित देखने से बाज़ नहीं आ पा रहे। वे कह रहे हैं चालान न करते तो क्या काजूकतली खिलाते !! देश भर में ऐसे 20 हो जाएं तो सब सुधर जाएं!
कश्मीर का लॉकडाउन भी उन्हें यही खुशी दे रहा है कि-बढ़िया है, रहो बन्द बच्चू तीन महीने, पत्थर उठाने लायक दम न बचेगा हाथ में… सब सुधर जाओगे!
कभी कुछ लोग खुश हो रहे हैं ये सोचकर कि वाह! बड़ी आई थी एमेरिटस स्टेटस पाने वालीं, अब सुधर जाओगी! छीनो स्टेटस, छीनो!
इस छीनो,सुधारो, सबक सिखाओ के बर्बर हल्ले में साहिल सिंह को भी सबक सिखा दिया गया। सुधर गया होगा उसका भी अगला जन्म। स्वर्ग में कहेगा चींटी बना देना, भारत में जन्म देना तो मुसलमान न बनाना। कश्मीर तो एकदम न भेजना।
उधर, हिन्दू देश सुधारते सुधारते पता ही न चला एनआरसी में से सत्तर परसेंट हिन्दू भी बाहर हो गए। कभी अपने देश का सच जानने की, उसकी तासीर समझने की, बहुरंगी संस्कृति को सेलिब्रेट करने की कोशिश तो की नहीं। सालों से इनका दुष्प्रचार था मुसलमानों को लेकर उसी से यह ग़लती हो गई। अब 19 लाख लोगो को काजू कतली खिलाइएगा??
मंदी पर तो बात ही मत करो। नौकरी जा रही है तो ठीक ही है, ख़ैरात ही थी, मेहनत करो। आप भी काजू कतली बनाने वाले हलवाई के यहाँ दिहाड़ी कर लीजिए। सम्मान से जीना सीखो, अपने निकम्मेपम के लिए सरकार को दोष मत दो। हम कहते हैं और भी जगह फालतू लोगों की सफाई करो, जैसे कि सब पढ़ने- लिखने वाले इंस्टीट्यूट में एक सफ़ाई-सुप्रीमो वीसी ले आओ।
जीडीपी के साथ साथ जब तक इस देश में असली भारत भी 5% न रह जाए तब तक सबक सिखाते चलो। सुधारो सुधारो सुधारो..
SujataChokherbali