चकरघिन्नी की तरह नचा दिया मुकेश गुप्ता ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को, अब सुप्रीम कोर्ट में गुप्ता की अपील स्वीकार, प्रदेश में चल रहे सारे मामले सीबीआई को सौंपने की अपील
तमाम आरोपों,साक्ष्यों व जांच रिपोर्ट के बाद भी प्रदेश सरकार 8 माह में भी अपने सबसे बड़े दुश्मन मुकेश गुप्ता को जेल का रास्ता नहीं दिखा पाई
रायपुर । राज्य सरकार के निशाने पर आए और सरकार बदलने के बाद विभिन्न FIR और जाँच के दायरे में मौजुदा निलंबित IPS मुकेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में रिट दाखिल कर सभी मामलों को CBI को ट्रांसफर करने की माँग करते हुए रिट दाखिल की है, ज्ञात हो कि दर्जनों मामले में फरार चल रहे उक्त वीआईपी आरोपी को पुलिस पिछले कई महीनों से ढूंढ नही पाई , और उसे बार बार न्यायालय में रिट लगाने का मौका देती रही है ।
निलंबित IPS मुकेश गुप्ता पर नान सहित साडा प्लाट आबंटन को लेकर गड़बड़ी के आरोप में FIR दर्ज की गई है।वही मिक्की मेहता की मौत मामले को लेकर एक जाँच भी की जा रही है। इन सारे प्रकरणों और जाँच को लेकर निलंबित IPS मुकेश गुप्ता ने सुको की शरण ली है और सभी मामलों को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित बताते हुए रिट में राज्य सरकार को सीधे पार्टी बनाया है। इधर सुप्रीम कोर्ट ने रिट की सुनवाई करते हुए संबंधित पक्षों को जवाब हेतु नोटिस जारी किया है।
इस पूरे मामले में सत्ता बदलते ही जिस तेजी से कार्यवाई शुरू हुई , उसे लेकर राजनीति और पत्रकारिता के क्षेत्र में चर्चा थी कि जल्दी ही कोई कार्यवाही होगा और मुकेश गुप्ता जेल में रहेंगे । मगर इस मामले की जांच की जवाबदारी ले रहे प्रदेश सरकार के आर्थिक अपराध ब्यूरो के तीन अधिकारी अब तक बदले जा चुके हैं माना जा रहा है कि वर्तमान में जिस जीपी सिंह को मुकेश गुप्ता पर कार्यवाही का जिम्मा सौंपा गया है वह मुकेश गुप्ता के पुराने नजदीकी साथी है । जिसे लेकर एक मुख्य शिकायत कर्ता ने सन्देह व्यक्त किया है कि शायद उच्च स्तर पर कोई बड़ा समझौता हो चुका है इसीलिए देश के विभिन्न हिस्सों में मुकेश गुप्ता को खोजने के लिए गई टीम खाली हाथ लौट चुकी है ।
आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि मुकेश गुप्ता खुलेआम अपने मामलों को सूट आने के लिए इंदौर भोपाल नागपुर दिल्ली जैसे शहरों में खुलेआम घूम रहे हैं, पर इतना अत्याधुनिक व्यवस्था से सुसज्जित पुलिस को उनका लोकेशन तक पता नही चला और अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट की मदद लेकर अपने ऊपर लगे कथित आरोपों को टालने का एक और मौका मिल गया ।
ज्ञात हो कि मौजूदा समय में केंद्र में भाजपा की सरकार है और मुकेश गुप्ता पर लगे तमाम आरोप भाजपा के पिछले 15 साल की सरकार के दौरान लगे हैं । ईओडब्ल्यू के चीफ रहते हुए उन पर प्रदेश की भाजपा सरकार के कई मंत्रियों को व स्वयं रमन सिंह और उनके पुत्र पर लगे आरोपों को लेकर साक्ष्यों को मिटाने का आरोप है । अनुमान है कि मुकेश गुप्ता सीबीआई की शरण में केंद्र सरकार द्वारा मदद के कोई संकेत मिलने के बाद ही गए हैं । जागरूक पाठकों को यह पता ही होगा सीबीआई की भूमिका उन आरोपियों के प्रति कैसी होती है जो केंद्र सरकार के नजदीकी होते हैं ।
कुल मिलाकर यह तय है कि अगर सुप्रीम कोर्ट आरोपी मुकेश गुप्ता की अपील मान लेती है और वह सारे मामले जो प्रदेश में उनके खिलाफ चल रहे हैं अगर सीबीआई को सौंप दिए जाते हैं तो सीबीआई उनके सारे प्रकरणों को भाजपा की सरकार रहते तक अलमारी में दबाकर रख सकती है । यह स्थिति प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा उन्हें दिए गए मौके की वजह से अगर नहीं है तो यह तय है कि मुकेश गुप्ता अकेले पूरी कांग्रेस की सरकार पर भारी पड़ चुके हैं।