अंडा विवाद को लेकर मोहन मरकाम ने लिखा पत्र,भाजपा ने 15 सालों में योजनाओं को दरकिनार किया
रायपुर-छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकान ने शुक्रवार को विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजपा पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा के 15 वर्षो के शासन काल में जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए कोई उल्लेखनीय कार्य नहीं किया गया। कमीशनखोरी के लिए योजनाएं चलाने का नाटक जरूर किया गया। उन्होंने कहा कि कुपोषण जैसे अति संवेदनशील विषय पर बस्तर अंचल को देश के सबसे पिछड़े जिलों की श्रेणी में ला खड़ा कर दिया गया है। सभ्य समाज के लिए इससे बड़ा कलंक कुछ नहीं हो सकता।
प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि दिसम्बर 2018 में राज्य में कांग्रेस कि सरकार के गठन के बाद राज्य सरकार ने राज्य को कुपोषण मुक्त करने का बीड़ा उठाया है। कुपोषण एवं एनीमिया पीड़ित बच्चों एवं महिलाओं को प्रतिदिन स्थानीय समुदाय की रूचि के अनुरूप नि:शुल्क पौष्टिक भोजन कराने का जो कार्य आरंभ किया गया है वह ऐतिहासिक है। इस कार्य से लोगों में जो सकारात्मक भावना उत्पन्न हुई है वह अकल्पनीय है। उन्होंने कहा कि अण्डे का उपयोग जनजातीय समुदाय की परम्परा का अंग है। दुर्भाग्य से अण्डे के महंगे होने के कारण अब वो भी जनजातीय समुदाय के लोगों की पहुंच से बाहर हो चुका है।
अण्डे में मनुष्य के शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व जैसे प्रोटीन, मिनरल्स, विटामिन इत्यादि पाये जाते हैं। अण्डा यदि प्रतिदिन के भोजन का हिस्सा हो, नियमित रूप से उसका सेवन किया जाए, तो कुपोषण की समस्या से मुक्ति मिल सकती है। अण्डा स्वयं में ही पूर्ण आहार है। चूंकि जनजातीय समुदाय के लोग दूध एवं उससे बनी वस्तुओं का उपभोग नहीं करते, अत: उनके लिये अण्डे से बेहतर कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। भारत विविध संस्कृतियों का देश है यहां सैंकड़ों भिन्न-भिन्न संस्कृतियों के लोग एक अत्यन्त सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में रहते हैं। सभी संस्कृतियों के लोगों की खान-पान की आदतें एवं जीवन शैली भिन्न है। इस इन्द्रधनुषीय छटा के बीच भी सभी लोगों में एकजुटता है, समरसता है तथा एक दूसरे के प्रति परस्पर सम्मान का भाव है। यही हमारे देश की शक्ति है। सभी संस्कृतियों के लोगों को अपनी परम्पराओं के अनुरूप वेश-भूषा धारण करने एवं खान-पान पर स्वयं निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिये। हमारे भाजपा के साथियों से भी करबद्ध प्रार्थना है कि इस विषय पर राजनीति करना छोड़कर जनजातीय समुदाय के पीड़ितों की पीड़ा समाप्त कराने में योगदान देने के बदले उनकी पीड़ा बढ़ाने वाला कार्य न करें। भाजपा की दुविधा का आलम यह है कि पूरे देश में स्वयंभू गौ-रक्षकों का समर्थन करने वाली पार्टी गोवा एवं उत्तर पूर्वी राज्यों में बीफ खाने का समर्थन करती है। भारत सरकार स्वयं अण्डे का उपयोग बढ़ाने के लिए निरन्तर प्रयास-रत है ।