आदिवासियों की जमीन कब्जा करने के लिए दस को दौड़ा दौड़ा कर मार डाला , पर राष्ट्रीय मीडिया में कोई खबर नही
जब देश की बड़ी मीडिया कल आपको कथित बड़ी खबर हाफिज साईद की गिफ्तारी पर उलझाए हुई थी , तो देश के एक हिस्से में जमीन पर कब्जा करने के लिए आदिवासियों के गांव को घेर कर दो सौ से ज्यादा गुंडे बन्दूक तलवार से लैस होकर खुले आम हत्याएं कर रहे थे , तीन महिलाओं सहित दस आदिवासी अपनी जमीन बचाने की लड़ाई में मारे गए , वहीं दो दर्जन से ज्यादा गम्भीर रूप से घायल हुए ।
यह सब हुआ देश भर में बड़े पैमाने पर जमीन की दलाली का रैकेट चलाने वाले पश्चिम बंगाल कैडर के आईएएस की भूख की वजह से । आईएएस प्रभात कुमार मिश्रा देश भर में आदिवासियों व गरीबों की जमीन कब्जा करने में लगे हुए हैं । उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले घोरावल तहसील के उम्भा गांव में इस आईएएस ने एक ट्रस्ट बनाकर 600 बीघा से अधिक जमीन फर्जी दस्तावेज से नामांतरण करा कर उसमे से 90 बीघा गांव के प्रधान को दे दिया था ।
* कल्पना कीजिए कि 30-32 भारी भरकम वाहनों पर बंदूकें तलवारे ओर अन्य हथियार लिए 300 लोगो का एक जत्था एक सुदूर गाँव की तरफ बढ़ रहा है यह लोग हथियार लहरा रहे है बेहद उत्तेजित नजर आ रहे है गाँव मे पुहचते ही लोग गाँव को चारों तरफ से घेर लेते है विवाद होता है कुछ ही देर में गाँव वालों की 10 लाशें जमीन पर बिछ जाती है । यह किसी बॉलीवुड हॉलीवुड फिल्म का सीन नही है यह कल उत्तर प्रदेश जिसे रामराज्य भी कहा जाता है वहाँ के सोनभद्र जिले के एक गांव की घटना है आदिवासी बहुल सोनभद्र जिले के तमाम इलाकों में भूमिहीन आदिवासी सरकारी जमीन जोतकर गुजर-बसर करते हैं उभभा गांव आदिवासी बहुल इलाका है। गौड़ बिरादरी के लोग यहां कई पुश्तों से खेती करते आए हैं।
इन खेती की जमीनो की खरीद फरोख्त का खेल बहुत सालो से चल रहा है ऐसी ही एक बड़ी जमीन बिहार काडर के एक आईएएस अफसर ने खरीदी लेकिन कब्जा करने में वह नाकाम रहे, आरोप है कि इस जमीन में से 90 बीघा जमीन उन्होंने पश्चिमी यूपी से आकर बसे गुर्जर समुदाय केमूर्तिया गांव के प्रधान यज्ञदत्त भूरिया को बेच दी। बुधवार दोपहर यज्ञदत्त जमीन पर कब्जा करने पहुंचा था, इसी के बाद वह सीन हुआ जिसका वर्णन ऊपर लिखा है । *
*इस तस्वीर को ध्यान से पहचान लीजिये। यह पश्चिम बंगाल कैडर का ऊंचे रसूख वाला आइएएस अधिकारी प्रभात कुमार मिश्रा है। यह इस समय कई विभागों का प्रमुख सचिव है। जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वो यह है कि यह यूपी के सोनभद्र जिले में जो कि मेरा गृह जिला भी है में कल हुए नरसंहार के मूल में है जिसमे 10 आदिवासियों की जान गई है और दो दर्जन घायल हैं।
मीडिया को केवल इतना पता है कि आदिवासियों की जिस 630 बीघे जमीन को लेकर विवाद हुआ था वो बिहार के किसी आइएएस ने खरीदी थी ।मीडिया को यह नही पता कि बिहार में जन्मा आइएएस बंगाल के नौकरी करता है और यूपी ही नही देश के तमाम राज्यों में विवादित और गलत तौर तरीकों से जमीन की खरीदी करता हैं। यह मूल रूप में लैंड माफिया है। हम इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस को शर्म भेजते हैं जो उसने ऐसे आइएएस तैयार किये हैं। योगी सरकार ने इसके खिलाफ अब तक मुकदमा दर्ज नही किया है।
* यह सब कुछ सरकार की शह से हो रहा है ऐसा मानना पड़ेगा जिस देश में जनता को गुंडों के जरिए इतना डराया जाएगा कि फिर उसके बाद वोट देने का झंझट खत्म हो जाएगा*
प्रधान के खिलाफ पुलिस के पास पहले से ही कंपलेंट भी थी ……शायद पुलिस ने निषेध भी किया था….
तो सबकुछ पुलिस की जानकारी में ही हुआ है ।
रामानंद राय
Media bikawo rajyapal rss Rashtrapati rss to kya hum adiwasi naye thodi na dilwainge