रसोईयों की वेतन बृद्ध की मांग को लेकर कांकेर लोकसभा सांसद ने संसद में आवाज बुलंद की
राजेश हालदार की रिपोर्ट
पखांजुर । शासकीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाकर मासूमों की भूख मिटाने वाले रसोइयों के वेतनमान में वृध्दि को लेकर पहली बार कांकेर लोकसभा सांसद मोहन मंडावी ने संसद में आवाज़ बुलंद की हैं ।
ख़ास बातचीत में सांसद मोहन मंडावी ने बताया कि सरकार के मध्यान्ह भोजन योजना में रसोइयों का बेहद महत्वपूर्ण योगदान हैं परंतु ईस योजना में निरंतर अपनी सेवा दे रहे इन रसोइयों के वेतनमान में अब तक सम्मानजनक वृद्धि नहीं हुई है । 40 रुपये प्रतिदिन के दर पर अपनी सेवा दे रहें इन रसोइयों का मानदेय किसी भी अन्य कर्मियों से बेहद कम हैं । यहां तक की मनरेगा योजना में काम करने वाले मजदुरों के मजदूरी का एक चौथाई हिस्सा ही इन रसोईयों को मिलता हैं ।
संसद मोहन मंडावी ने संसद में कहा कि सरकार के योजना का चूल्हा जलाकर मासूमों के भूख मिटाने वाले रसोईयों का चूल्हा इस महँगाई के जमाने में जल नहीं पाता । मंडावी ने आश्वासन देते हुए कहा कि मैं जल्द ही ईन रसोईयों के आवाज़ को संसद में और भी बुलंद करूँगा जिससे इन रसोईयों को कम से कम कलेक्टर दर पर मेहनताना मिल पाए जिससे इनकी आर्थित स्थिति मजबूत बने और इनके परिवार का चूल्हा भी उम्मीद के साथ जल सकें ।