मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर ग्रामीणों ने की लात खुली खदान बंद।

छाल एसईसीएल प्रबंधन की लापरवाही को लेकर क्षेत्रीय जनों में आक्रोश।
एसईसीएल छाल उप क्षेत्रीय प्रबंधन की लापरवाही को लेकर आज क्षेत्रीय ग्रामीणों ने लात खुली खदान मुख्य गेट घंटों बंद कर अपनी मांग को लेकर डटे रहे।
उपक्षेत्रीय प्रबंधन के क्षेत्रीय जनों के प्रति उदासीनता।
जहां छोटी-छोटी मांगों को लेकर करना पड़ता है आंदोलन।

नीतिन सिन्हा

एसईसीएल छाल क्षेत्र हमेशा से विवादों में रहा है इन्हीं विवादों के वजह से छाल एसईसीएल काफी सुर्खियां भी बटोरा। जहां उप क्षेत्रीय प्रबंधन व मैनेजर का क्षेत्रीय जनों के प्रति व्यवहार का सही न होना व छोटी मोटी क्षेत्र की समस्या के लिए भी आंदोलन के जरिए मांगों क पूरा होना प्रबंधन की उदासीनता को दर्शाता है।
अगर हम पिछले शिक्षा सत्र की बात करें तो स्कूली बच्चों द्वारा खुद सड़क पर बने गड्ढों को भरा गया तब जाकर सड़क चलने लायक हो सका। जिसे उपक्षेत्रीय प्रबंधक रेड्डी द्वारा एक से दो माह में सड़क मरम्मत कराने की बात मीडिया के बीच कहा गया था। किंतु वह आज साल बीत जाने के बाद भी सड़क निर्माण पर उप क्षेत्रीय प्रबंधन का नजर नहीं पड़ा और आज सड़क बद से बदतर हालात में हैं। जहां राहगीरों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

इतना ही नहीं एरिया मैनेजर का अपने विभाग पर नहीं है कंट्रोल जिस कारण क्षेत्रीय ग्रामीणों के बच्चों को अच्छी शिक्षा के लिए भटकना पड़ रहा है एसईसीएल छाल उपक्षेत्र में एसईसीएल एम्पलाई व एसईसीएल प्रभावित एरिया के ग्रामीण बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने हेतु एसईसीएल द्वारा डी ए वी स्कूल का संचालन किया जा रहा है जहां एसईसीएल एम्पलाई के बच्चों को बखूबी दाखिला दिया जा रहा है और वही क्षेत्रीय ग्रामीणों का आरोप है कि प्रबंधन व स्कूल प्राचार्य के मिलीभगत से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं दी जा रही हैं और वहीं अन्य क्षेत्र के बच्चों को व्यापक पैमाने पर स्कूल में दाखिला दी जा रही है।

लात ग्राम के ग्रामीणों को पुनर विस्थापन के तहत छाल सारसमार के बीच जंगलसे लगे मैदानी जगह में स्थापित कर दिया गया जहां विस्थापन के बाद मूलभूत सुविधाओं से लोगों को कर दिया वंचित पुनरविस्थापन के बाद एसईसीएल ग्रामीणों को मानो भूल सा गया जहां पुनरविस्थापन के समय ग्रामीणों की सारी मांगों पर एसईसीएल हां भरी थी तब जाकर ग्रामीणों ने अपना आवास स्थान छोड़ा था किंतु जैसे ग्रामीणों ने अपना स्थान छोड़ा एसईसीएल पुनरविस्थापित ग्रामीणों की ओर मुड़कर नहीं देखा। वहीँ ग्रामीण जन अपनी मूलभूत समस्याओं को लेकर आए दिन एसईसीएल प्रबंधन से अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन के जरिए पूरी कराती आ रही है और आज पुनः वही करने को यहां के ग्रामीण हुए बाध्य जहां अपनी मूलभूत मांग शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली की समस्या को लेकर एस ई सी एल लात खुली खदान के मुख्य गेट को 6:30 बजे से बंद कर डिस्पैच पूरी तरह से बंद करा दी गई जहां 4 घंटे की मशक्कत के बाद 10:30 बजे तक खदान प्रभावित रहा।
एसईसीएल लात खुली खदान मैनेजर ने आकर ग्रामीणों को दी समझाइश, ग्रामीण व मैनेजर के बीच बातों को लेकर हुई नोकझोंक मैनेजर के बर्ताव से आक्रोशित ग्रामीण खदान अंदर छोटी गाड़ियों का जाना भी किया बंद।
ग्रामीणों को समझाइस के लिए एसईसीएल मैनेजर जब पहुंचे और समझाइश के समय कुछ तीखे बोल बोलते ही ग्रामीण कुछ इस तरह भड़क गए की मैनेजर के एक भी सुनने को तैयार नहीं हुए। मैनेजर व ग्रामीणों के बीच की मांगों को लेकर मैनेजर के बिगड़ गए बोल व मैनेजर ने आवेश में आकर खदान बंद कर पुनर्वास चलाने की बात कर डाले जिससे लेकर ग्रामीणों के गुस्सा भड़क गया।
ग्रामीण ने मैनेजर को लात पुनर्वास हाथी प्रभावित क्षेत्र होने के कारण पुनर्वास के चारों ओर रोशनी की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था कराने की बात कहीं जहाँ मनेजर झल्ला कर बोले खदान बंद कर यहां से सारे लाइट पुनर्वास स्विफ्ट कर खदान बंद कर पुनर्वास चलाएंगे।यह कहकर मुख्य गेट से कार्याल की ओर चल पड़े।
वहीं क्षेत्रीय प्रबंधन के आने के बाद ग्रामीणों ने अपनी मुख्य मांगों को रखी जिससे उपक्षेत्रीय प्रबंधक रेड्डी द्वारा सड़क सुधार व्यवस्था को लेकर अपना तीखा रूप पेश करते हुए पूरे जिले भर के सड़क का ठेका मैं नहीं लिया हूं विशेष जगह की बात करें तो उस पर कुछ किया जा सकता है यह कहते ही ग्रामीणों ने क्षेत्रीय प्रबंधन से भी बात करना मुनासिब नहीं समझा किंतु वही जब उप क्षेत्रीय प्रबंधन ने माहौल को भागते हुए शांतिपूर्ण तरीके से जब पेश हुए तब जाकर ग्रामीणों ने अपनी मांग रखी जिस पर सब एरिया मैनेजर द्वारा सारी बातों पर अमल करने पर दोनों के बीच समझौता हुआ और डिस्पैच लात खुली खदान के मुख्य गेट को पुनः सुचारु किया गया।

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