गर्भवती पत्नी व चार साल की मासूम की नजरों के सामने पुलिस ने पकड़ कर गोली मारी थी लच्छू को; मुठभेड़ फर्जी
पुष्पा रोकड़े की रिपोर्ट
बीजापुर — जिला मुख्यालय के आतिम छोर के जंगल मे पामेड़ थाना अंतर्गत अंतरराज्य नक्सली अभियान में जिला पुलिस बल बीजापुर व चेरला पुलिस की संयुक्त टीम ने कवरगट्टा और दारवारम के बीच जंगल में 21 अप्रैल की सुबह हुए मुठभेड़ में दो नक्सली मार गिराने का दावा किया था । काफी सामन भी मिले थे । मुठभेड़ में एक महिला और एक पुरूष को मारा गिराया था । मृतकों की पहचान मड़काम बड़ी 32 साल निवासी मिनागट्टा मिलिशिया सदस्य व माड़वी लछु 25 साल निवासी मिनागट्टा के रूप में हुई ।पुलिस ने दावा किया था कि मरने वाले नक्सली थे ।
मगर इस गांव के ग्रामीणों ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए मृतक माड़वी लच्छू को निर्दोष ग्रामीण बताया है । मृतक की आठ माह की गर्भवती पत्नी मासे ने बताया कि – “मेरे पति और बच्ची के साथ मैं अपने खेत पर सुबह महुआ बीनने गई थीं । उसी दौरान सीएनसी सदस्य मड़कम बड़ी आई जो माओवादी के डॉक्टर टीम की सदस्य थी । वह मुझे दवा देने आई थी क्योंकि गर्भवती होने के बाद से मुझे कोई टीका किसी भी तरह का कोई प्राथमिक उपचार नहीं मिला । मेरा गांव पामेड़ से काफी दूर है अगर इलाज कराने जाऊं तो मेरे पास साधन भी नहीं था इसीलिए गांव में ही माओवादियों के द्वारा जो छोटी-मोटी बीमारियों के लिए दवाइयां दी जाती है उसी दवाई से हम सब ग्रामीण प्राथमिक उपचार लेते हैं । गांव में कोई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी नही है ,बड़ी आई थी मुझे दवा देने के लिए और अचानक पुलिस आ गई । पहले हमें घेरा लगाकर पकड़ा फिर मेरे पति को बेरहमी के साथ मारा मेरे पति को जब मारा गया तब मैं और मेरी 4 साल की बेटी देख रहे थे । बड़ी को भी मार रहे थे । पुलिस जब मैं आगे बढ़कर कुछ कहती रही थी , छोड़ दो मत मारो तो कुछ जवान आगे आए और मुझे भी लकड़ी से पैरों में मारा गया । एक तो मैं गर्भवती ऊपर से एक छोटी बच्ची और मेरी तबीयत भी खराब तो मैं ज्यादा विरोध नहीं कर पाई और घर की ओर आ गई जब मेरे पति को पकड़ कर पुलिस ने मारा उस वक्त मेरे पति शर्ट और हाफ निकर पहने हुए थे ।
लच्छू के बड़े भाई बीजू ने बताया कि पुलिस ने बड़ी बेरहमी के साथ मेरे छोटे भाई को मार दिया है तब जाकर मैं और गांव वाले पामेड़ थाना गए जहां से मुझे बोला गया कि तुम अब बीजापुर जाओ मैं आर्थिक रूप से परेशान होकर गांव में चंदा कर कुछ रुपए इकट्ठा किया उसके बाद दो मोटरसाइकिल में बीजापुर के लिए निकला जहां मीडिया की मदद से मुझे अस्पताल का पता चला और वहां से मेरे भाई की बॉडी मुझे सौंपी गई। घर से कुछ दूर ही हमारा खेत हैं । जहां महुआ बिन रहे थे । बीजू ने बताया कि बड़ी मड़कम उस दिन महुआ बीन रहे मासे को दवा देने के लिए आई थी , तभी पुलिस ने उसे पकड़ कर मार दिया ।