मोदी ने साल दर साल घटाया सर्व शिक्षा अभियान का बजट, 2,94,242 बच्चों ने छोड़ा स्कूल !
रायपुर- स्कूली शिक्षा की बदहाली को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने पूर्ववर्ती रमन सरकार पर बड़ा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने रमन सरकार पर सर्व शिक्षा अभियान की राशि में भारी कटौती करके सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को गर्त में ले जाने का आरोप लगाया है।
विकास तिवारी ने कहा कि गुणवत्ता के मामले में प्रदेश के शासकीय स्कूलों को 18वां स्थान आया है और इतना नीचे स्थान आने में गुणवत्ता में प्रदेश का स्थान 18वां आने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के पूर्व मुखिया डॉ रमन सिंह जिम्मेदार हैं। विकास तिवारी ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि
“स्कूली शिक्षा विभाग में शिक्षाकर्मियों के लगभग 50,000 पद रिक्त रहे और पंचायत संवर्ग के शिक्षकों के 22,644 पद रिक्त है। गणित, फिजिक्स, केमिस्ट्री, अंग्रेजी एवं कॉमर्स के सभी शिक्षकों की भारी कमी के कारण शालेय शिक्षा की गुणवत्ता के क्षेत्र में देश में सबसे ख़राब प्रदर्शन वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ शामिल हुआ है।”
(The annual survey of School Education Report 2017 ( ASER) केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा तैयार की गई है, जिसमें साफ पता चलता है कि मोदी सरकार ने “सर्व शिक्षा अभियान” के आबंटन में लगातार कमी की है। वर्ष 2014-15, 2015-16 एवं 2016-17 में केंद्र से क्रमशः 927.05 करोड़, 622.19 करोड़, 592.62 करोड़ तथा 457.45 करोड़ ही प्राप्त हुये।
क्या कारण थे कि केंद्र की मोदी सरकार प्रधानमंत्री के प्रचार-प्रसार के लिये पांच हजार करोड़ से ज्यादा फूंक देती है पर शिक्षा के मद में दी जाने वाली राशि को साल दर साल कम किया गया।
कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने बताया की पिछले 15 सालों के भाजपा शासन में प्रदेश के शासकीय प्राथमिक शालाओं में कुल दर्ज छात्र-छात्राओं की संख्या में लगातार कमी देखने को मिली। वर्ष 2014-15 में 21,05,095 छात्रों से घटकर यह संख्या 2017-18 में 18,10,853 मात्र रह गयी थी, ये रमन सरकार के शासकीय शालाओं की असफलता का परिचायक बन गया है।
विकास तिवारी ने भाजपा से पूछा है कि क्या कारण थे कि 15 सालों के रमन राज में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का कुनबा और उनके भ्रष्ट अधिकारी और उनका कुनबा मालामाल होते रहे और प्रदेश के स्कूल बदहाल होते रहे, रमन सरकार की अकर्मण्यता और कमीशनखोरी के चलते प्रदेश के सरकारी स्कूलों से दो लाख से ज्यादा बच्चो ने पढ़ाई-लिखाई करना छोड़ दिया। जिसके सीधे-सीधे जिम्मेदार देश के प्रधानमंत्री मोदी और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ही है।
अब प्रदेश में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इन रिक्त पदों में जो भर्ती के आदेश जारी किये है उससे प्रदेश के स्कूलों की दुर्दशा में सुधार होगा और प्रदेश के बच्चो को सरकारी स्कूलों में अध्ययन करने के लिये प्रेरित भी किया जा सकेगा।