दंतेवाड़ा,गोंडेरास , ज्यादती पर मसौदा तैयार .कहा नहीं चाहिए सुरक्षा और सुरक्षा बल. विधिवत होगी ग्रामसभा , आादिवासियों में भारी नाराजी .
जगदलपुर .
14 गांव के हजारों आदिवासी हुये एकत्रित ,कहा नहीं चाहिए सुरक्षा ,कैम्पों में तैनाती बंद करें. दंतेवाड़ा पुलिस के खिलाफ खोला मोर्चा आदिवासियों ने.
दंतेवाड़ा में कानून बेवस्था खराब हो रही है यह पिछले कई दिनों से पुलिस का अत्याचार चरम पर है पुलिस द्वारा की गई मार पीट के खिलाफ 14 गांव के हजारों ग्रामीण आज रैली के शक्ल में पहुँचे । बड़े बेदना,सोमली रेवली ,जावेळी ,गुरगुम, नीला वाया, कोटली,नाहदी,गोड़ेदास,सोनापाली फोर्डेम, पुलपार्ट, वंकपल अरंनपुर के हजारों लोग सभा मे उपस्थित थे .
उनकी मांग है अनुसूचित क्षेत्रों के लिए बनाय गया पेसा कानून पर अमल किया जाय , अनुसूचित क्षेत्रो में नया निर्माण न किया जाय, फर्जी ग्राम सभाओं का आयोजन रद्द करें ,
बस्तर के प्राकृतिक संसाधनों को पूंजीपतियों को बेचना बन्द करो , आदिवासियों के पेट पर लात मारने वाले सड़क पुलिया के निर्माण बन्द करो ,पुलिस सुरक्षा नही चाहिए नये कैम्पो का खोलना बन्द करे क्योकि पुलिस उनपर अत्याचार कर फर्जी मुड़भेड़ कर रही है ।
हालांकि यहां होने वाली ग्रामसभा तकनीकी कारणों की वजह से नहीं हो सकी लेकिन यहां सभी ग्रामीणों ने सामान्य सभा में रखने वाले विषयों को तय कर लिया है ।इसमें स्कूल , सड़क , छात्रावास , पेसा कानून और जवानों द्वारा ग्रामीणों से मारपीट के विरोध में करीब तीन घंटे ग्रामीणों ने विस्तार से चर्चा की और कहा कि ग्रामसभा में इन सारे विषयों को रखा जाएगा और इसके प्रस्ताव को पारित किया जएगा।
लिंगाराम कोडोपी की वीडियो रिपोर्ट और फोटोग्राफ
दर असल बुधवार को गोंडेरास में ग्रामसभा होनी थी । लेकिन इसके लिए तकनीकी प्रोसीजर नहीं किया गया । इसलिए ग्रामसभा नहीं हो सकी । आने वाले 15 दिन के अन्दर यहा ग्रामसभा होगी , जिसमें तय किए गए विषयों पर चर्चा होगी ।
ग्रामीणों से मारपीट के विरोध में होगा आंदोलन
यहां पहुंची सोनी सोरीं के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे थे । उन्होंने अपनी समस्या सामने रखने के साथ मांगे भी रखीं । साथ ही ग्रामीणों ने साफ किया कि इसे लेकर गांव से लेकर शहर और राजधानी तक इस पर अगली बार से आंदोलन किया जाएगा । यह सारे फैसले ग्रामीणों के हैं । साथ ही उन्होंने कहा कि ग्रामसभा के दायरे को लेकर भी लोगों को जानकारी मिली । इससे पहले गांव में सड़क और पुलिया के लिए ही ग्रामसभा होता था । ग्रामीण ग्राम सभा को लेकर जागरूक हो रहे हैं और उन्हें यह भी पता चल रहा है कि वे इससे बड़े फैसले भी ले सकते हैं । अब 15 दिन के अंदर ग्रामसभा होगी ।