रायगढ : टीआरएन ने राजस्व जमीन पर बना दिया हॉस्टल और वन विभाग की भूमि पर रास्ता.. वन विभाग के अधिकारी कह रहे बन्द कराया गया है रास्ता ,फिर भी यहाँ से किया जा रहा आवागमन .
रिपोर्ट पत्रिका
रायगढ . टीआरएन कंपनी की एक और मनमानी उजागर हुई है । मनमानी इस तरह की है कि टीआरएन ने राजस्व की जमीन पर हास्ट का निर्माण किया है , लेकिन इस हास्टल में आवागमन करने के लिए वन विभाग की जमीन पर रास्ता बनाया गया है एक बार इस रास्त को बंद करवाया गया था , लेकिन अब फिर से यह रास्ता शुरू हो गया है । इससे कंपनी की मनमानी तो उजागर हो रही है । वहीं वन विभाग के द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने पर विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं ।
टीआरएन कंपनी ने अपने कर्मचारियों की जमीन के लिए जनुवानी कटगड़ीह में हास्टल का निर्माण करवाया है । हास्टल का जहा निर्माण है वह जमीन कंपनी ने राजस्व विभाग की अनुमति लेकर किया है , लेकिन इस हास्टल तक पहुंचने के लिए कंपनी के पास से जो रास्ता बनाया गया है वह वन भूमि की जमीन पर है । इस बात को लेकर कुछ साल पहले वन विभाग ने आपत्ति की थी । वहीं आवागमन का के लिए रास्ता भी बंद कराया गया था , लेकिन अब फिर से इसमें आवागमन का शुरू कर दिया गया है । खास बात यह है कि अब फिर से जो आवागमन शुरू हुआ है उस बात को लेकर वन विभाग की हीलाहवाली नीति जो उजागर हो रही है । वन विभाग घरघोड़ा के अधिकारी इस मामले को डिवीजन कार्यालय के अधिकारियों पर डाल रहे हैं तो डिवीजन कार्यालय के अधिकारी बात से पूरी तरह अनजान बन रहे हैं । इस मामले में चर्चा करने के लिए कंपनी के जीएम प्रहलाद प्रसाद से मोबाइल पर संपर्क किया गया , लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया ।
मोटी रकम लेनदेन की चर्चा है जोरों पर
वन विभाग की जमीन पर बिना अनुमति निर्माण करने या अतिक्रमण करने पर कार्रवाई होती है , लेकिन टीआरएन कंपनी के द्वारा वन विभाग की लंबी – चौड़ी जमीन । पर रास्ता बना दिया गया है । इसके बाद भी वन विभाग के अधिकारी किसी प्रकार से कार्रवाई नहीं कर रहे । ऐसे में इस बात की चर्चा है कि इस मामले में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मोटी रकम की लेनदेन की गई है । हालांकि रायगढ़ डीएफओ इस बात से पूरी तरह इंकार कर रहे हैं ।
पीछे के रास्ते पर ग्रामीण ने जताई आपत्ति
इस हास्टल का जहां निर्माण किया गया है उसके पीछे रास्ता बनाए जाने की तैयारी कंपनी के द्वारा की गई थी । इसमें एक ग्रामीण की खेत है बताया जा रहा है कि कंपनी ने उक्त खेत को खरीदने का प्रस्ताव भी ग्रामीण को दिया , लेकिन ग्रामीण ने जमीन बेचने से इंकार कर दिया । ऐसे में कंपनी के द्वारा उक्त खेत पर मिटटी डाल दिया गया है ।
इस मामले में मुझे किसी प्रकार की जानकारी नहीं हैं मामले की जानकारी मातहत कर्मचारियों से लिया जाएगा । इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा ।
मनोज पांडेय , डीएफओ रायगढ़
वन विभाग की भूमि पर सड़क बनाए जाने के मामले में रोक लगाया गया था और रास्ता बंद कराया गया था । अभी इसमें आवागमन की जानकारी नहीं हैं ।
उचित राम राठिया , रेंजर , घरघोड़ा