माओवादी प्रभावित गांव से 27 वर्ष बाद थाने में दर्ज हुआ कोई मामला
बीजापुर । माओवाद प्रभावित इलाके मनकेलि-गोरना गांव से 27 साल बाद बीजापुर कोतवाली में जुर्म दर्ज हुआ है । इसके पहले 1992 में ही इस गांव का कोई मामला थाना आया था ।
ध्यान रहे कि माओवादी इलाके में ज्यादातर विवाद या अपराध का फैसला जनताना सरकार द्वारा जन अदालत में कर दिया जाता है । ज्यादातर थानों में दर्ज मामलों की पड़ताल करने पर पता चलता है कि ऐसे इलाकों में वैसे भी चोरी , डकैती , बलात्कार जैसे मामले तो न के बराबर घटते हैं । ज्यादातर मामले जमीन और छोटी बातों पर मार पीट के होते हैं ।
1992 के बाद इस गांव का कोई मामला थाने में पंजीबध्द किया गया है। जमीन विवाद को लेकर एक सरफिरे ने महिला पर कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ वार किया जिसमें महिला के सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। मरणासन्न स्तिथि में महिला को बीजापुर जिला चिकित्सालय लाया गया है जहां ईलाज जारी है। हमलावर मनकेलि निवासी जिला कुरसम ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
दरसअल पूरा मामला जिला कोतवाली से 7 किलोमीटर दूर मनकेलि गांव का है। कल अपने घर पर सो रही कमली कुरसम पर उसी गांव के जिला कुरसम ने टंगिये से सिर पर कई प्रहार किए जिसमे कमली बुरी तरह से घायल हो गई थी। हमला करके कुरसम जिला भाग गया था। आननफानन में कमली को जिला चिकित्सालय बीजापुर लाया गया जिसका ईलाज किया जा रहा है ।
थाना प्रभारी चंद्रशेखर बारीक ने बताया कि आरोपी के खिलाफ अपराध क्रमांक 26/2019 धारा 450, 307 भादवि के तहत मामला पंजीबध्द कर कार्यवाही की जा रही है।
बीजापुर से भरत दुर्गम की रिपोर्ट