ब्रिटिश संसद द्वारा आदिवासियों की जमीन लौटाने पर बोलने के लिए भूपेश को बुलाने की बात कोरा झूठ – अमित जोगी
सभी वर्गों को झूठे सपने दिखाकर वोट हासिल किया पर धरातल पर कुछ नहीं हो रहा , साल भर इंतज़ार करेंगे फिर होगा विरोध , छत्तीसगढ़ सरकार के सौ दिन पर जोगी कांग्रेस ने लगाया वादा खिलाफी का आरोप
रायपुर । भूपेश सरकार के सौ दिनों की समीक्षा करते हुए जनता कांग्रेस ( जे ) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा है कि हमें इस बात का गर्व है की 82 साल के इतिहास में पहली बार अखंड मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में एक क्षेत्रीय दल को भारत के चुनाव आयोग द्वारा मान्यता प्रदान की गई। ये कोई कम उपलब्धि नहीं है। हमारे से पहले कई महापुरुषों ने भी क्षेत्रीय दल बनाने के प्रयास किये, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाई।
अमित जोगी ने वाट्सअप मैसेज जारी कर बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जी के नेतृत्व में आज हमारा दल सात विधायकों के माध्यम से प्रदेश की 14 प्रतिशत मतदाताओं का प्रतिनिधित्व कर रहा है। जनादेश स्पष्ट है- हमें एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभानी है। जो एजेंडा माननीय जोगी जी ने आज से ढाई वर्ष पूर्व अपने शपथ पत्र में छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ वासियों के लिए तैयार किया था, उस अजेंडा की हू ब हू नक़ल करके आज कांग्रेस पार्टी सत्ता में आ बैठी है। हम सबका प्रथम कर्तव्य यही है कि उस एजेंडा में शामिल की गई हर बात का अमल कराने के लिए हम सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को मजबूर करे।
उन्होंने आगे कहा कि नक़ल तो उन्होंने कर ली लेकिन नक़ल करने में भी अक्ल की आवश्यकता है। आज राज्य सरकार का ख़ज़ाना ख़ाली हो चुका है। जो वादे किए थे, उनको पूरा करने की वित्तीय स्थिति में वो नहीं है। 25 सौ समर्थन मूल्य देने की घोषणा तो उन्होंने कर दी लेकिन आज भी 90 % हमारे किसान भाइयों का कर्ज़ा माफ़ नहीं हो पाया है। राष्ट्रीय बैंकों से लिए दीर्घकालीन और मध्यम कालीन ऋण, गिरवी रखे चल और अचल सम्पत्ति के विरुद्ध 25-26 % ब्याज पर किसानों ने जो कर्ज लिया, उनको माफ़ करने की सरकार के पास न कोई नीति है और न ही कोई नियत है।
न आउटसोर्सिंग पर प्रतिबन्ध लगा और न ही शराब बंदी लागू हुई
अमित ने आरोप लगाया है कि संविदा सरकार भी जस की तस चल रही है। संविदाकर्मियों का नियमितीकरण करने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं रखा गया। दो मुद्दों पर साफ़ साफ़ सरकार ने जनता के साथ वादाखिलाफी की है। बाहर के प्रदेशों के रहने वालो को नौकरियां दी जा रही हैं। खुलेआम निजी शराब ठेकेदारों के द्वारा शराब बेची जा रही है। न आउटसोर्सिंग पर प्रतिबन्ध लगा है और न ही शराब बंदी लागू हुई है। शराब बंदी क्यों नहीं लागू कर रही है, मुझसे बेहतर सरकार पर बैठे लोग है जानते हैं । कब तक शराब की कमाई की क़ीमत हमारे प्रदेश के नौजवानों को अपनी सेहत, अपनी जान से चुकानी पड़ेगी ? आज प्रदेश में बर्बादी का, ग़रीबी का सबसे बड़ा कारण शराब की बिक्री है और उस पर रोक ना लगाना सरकार की सबसे बड़ी विफलता है ।
नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी भी धरातल पर कुछ नही
नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी के नाम पर छत्तीसगढ़वाद को बढ़ावा देने की कोशिश करी गई है। लेकिन धरातल पर इन पर कोई काम नहीं हो रहा है। मनरेगा का आज भी हज़ारों करोड़ भुगतान लंबित है। पिछले दस वर्षों में जितना पलायन नहीं हुआ, 2019 में हो चुका है।
नक्सल समस्या पर भी कोई नीति स्प्ष्ट नही
नक्सली समस्या पर अभी तक सरकार के द्वारा कोई श्वेत पत्र जारी नहीं किया गया है। पहले बोली की बात करते थे, अब गोली की बात करते हैं। लेकिन बस्तर में जो खून की होली चल रही है उसको रोकने के लिए कोई ठोस क़दम नहीं उठाए गए।पुलिस तंत्र का पूरी तरह से राजनीतिकरण कर दिया गया है।
बदले की राजनीति का भी लगाया आरोप
अपनी लकीर लंबी करने के बजाए सरकार बदले की राजनीति पर उतर आयी है। राजनैतिक प्रतिद्वंद्वियों को चुन चुनकर प्रताड़ित किया जा रहा है। अगर किसी ने कोई गलती करी है, कोई पाप किया है, तो उसे दंड मिलना चाहिए, लेकिन सरकार का दायित्व यह भी बनता है कि जो वादे उन्होने किये, उस पर पहले अमल करे ।
सौ दिन में नौ बार लिया गया कर्ज
अमित के अनुसार सौ दिन बीत गए हैं, लेकिन सरकार ने जो जनघोषणा पत्र में बाते की थी उनको पूरा करने के लिए आज तक कोई ब्लू प्रिंट सामने नहीं आया है। खैर अभी जनता और सत्ता के बीच हनीमून चलेगा। 68 विधायकों का बहुमत सरकार को मिला है। ऐसा बहुमत पहले कभी न मिला था, और न आगे कभी किसी सरकार को मिलेगा। जनता और सत्ता के बीच का यह जो हनीमून है, उसमें हम ख़लल पैदा नहीं करना चाहते हैं । हम उम्मीद करते हैं कि सरकार अपने वादों पर क़ायम रहेगी लेकिन पहले सौ दिनों में जिस प्रकार से सरकार को नौ बार रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से कर्ज़ा लेना पड़ा, केवल अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए कर्ज लेना पड़ा, हमें नहीं लगता कि यह सरकार एक भी वादा पूरा कर पाएगी।
अपराध और अत्याचार बढ़ा , मुख्यमंत्री ने बोला झूठ
अमित जोगी ने आरोप लगाया है कि महिलाओं के ऊपर अत्याचार बढ़ रहे हैं ।अपराध बढ़ रहा है| नक्सलवाद चरम सीमा पार कर चुका है । दिनदहाड़े विधायक की हत्या हो रही है लेकिन सरकार अभी भी बदला लेना चाहती है। बदलाव की कोई बात नहीं हो रही है। झूठे तंज कसे जाते हैं । मुख्यमंत्री ट्वीट करते हैं कि ब्रिटिश संसद ने उनको आदिवासियों की ज़मीन लौटाने के लिए बोलने के लिए आमंत्रित किया है । यह बात सरासर झूठ है। और उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की झूठी बात बोलना शोभा नहीं देता ।
आदिवासियों के विस्थापन पर दोहरी नीति
अमित जोगी ने अपने बयान में कहा है कि हमें ख़ुशी है कि टाटा भू-विस्थापितों की ज़मीन लौटायी जा रही है, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि जिस दिन टाटा भूमि स्थापितों की ज़मीन लौटाने का निर्णय सरकार ने लिया, उसी दिन उन्होने लेमरू के हसदेव-अरण्य जंगलो में 30 नई कोयला खदानों को मंज़ूरी दे दी ।जिसके कारण 10000 से ज्यादा वनवासी बेकार हो जाएंगे, बर्बाद हो जाएंगे ।
महानदी जो छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी है, आज उसका 90 पर्सेंट उपयोग ओडिशा कर रहा है। केवल दस पर्सेंट पानी हमारे छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रहा है। उस पर भी हमारी सरकार मौन बैठी है। कोई रणनीति नहीं है, कोई सोच नहीं है।
नगरनार संयंत्र को बेचने की तैयारी का विरोध नही
पोलावरम में और कन्हेर नदी में जो बांध बन रहे है, हमारे हज़ारों लोग डूब जायेंगे, उनको बोलने तक का, जनसुनवाई तक का, मौक़ा नहीं दिया गया । उस पर भी हमारी सरकार मौन बैठी है। हज़ारों करोड़ की लागत से आदिवासियों की ज़मीन लेकर नगरनार इस्पात संयंत्र तैयार किया गया। उसकी भी अब ग्लोबल नीलामी करने का आदेश जारी हो गया है। उसका भी विरोध सरकार नहीं कर रही है। लगातार राष्ट्रीय दल हमारे साथ कुठाराघात कर रहे है । पर दोनों प्रमुख दल मौन धारण करें हुए है।
हम उम्मीद करते है इन सब मुद्दों पर सरकार प्रखरता से छत्तीसगढ़ का पक्ष रखेगी विशेष कर GST के चलते जो सरकार को 25 हज़ार करोड़ रुपया राजस्व का नुक़सान हर साल झेलना पड़ रहा है, उसकी पूर्ति की बात भी GST काउंसिल में करेंगे। 1500 सामाजिक सुरक्षा पेंशन की बात की, 2500 बेरोज़गारी भत्ता देने की बात की, उस पर कोई काम नहीं हो रहा है ।
हम इंतज़ार करेंगे, फिर होगा बड़ा आंदोलन
जोगी ने चेताया है कि सरकार के पास पैसा ही नहीं है। ऐसे में साफ़-साफ़ दिख रहा है कि इस सरकार ने सभी वर्गों को हर तरह के झूठे सपने दिखाकर वोट हासिल किए हैं । लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो रहा है। हम इंतज़ार करेंगे, एक साल का इंतज़ार करेंगे। अगर उसके बाद भी सरकार जस की तस बैठी रहती है, पुरे प्रदेश में क्षेत्रीय दल होने के नाते हम वृहद आन्दोलन करेंगे, सोती हुई सरकार को जगाएँगे, उसे लोकतांत्रिक तरीक़े से विवश करेंगे की जो वादे किए हैं उसको पूरा करे ।