विदेश न भाग जाए पुनीत गुप्ता… जप्त होगा पासपोर्ट
रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता पर पुलिस अपना शिकंजा लगातार कसते जा रही है. डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक रहने के दौरान करोड़ों के उपकरणों की खरीदी सहित अन्य कई मामलों फंसे पुनीत गुप्ता फिलहाल किसी दूसरे व्यक्ति के नाम से अलॉट सिम कार्ड का उपयोग कर रहे हैं. उनकी लोकेशन का भी पता नहीं चल पा रहा है. पुलिस को यह अंदेशा है कि वे विदेश भी भाग सकते हैं इसलिए उनका पासपोर्ट जप्त करने की तैयारी चल रही है. जल्द ही पुलिस रेड कार्नर नोटिस भी जारी करेगी. हालांकि अब तक रेड कार्नर नोटिस जारी करने का काम इंटरपोल की तरफ से ही होता रहा है, लेकिन किसी विशेष मामले में पुलिस भी गृह विभाग की अनुमति लेकर इंटरपोल की मदद ले सकती है. रेडकार्नर नोटिस जारी होने की अवस्था में देश के समस्त एयरपोर्ट के इमिग्रेशन चेकपोस्ट पर पुनीत गुप्ता की तस्वीर के साथ-साथ हुलिए आदि की जानकारी मुहैया करवा दी जाएगी.
डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अधीक्षक रहने के दौरान पुनीत गुप्ता ने कई तरह की गड़बड़ियों को अंजाम दिया था. उन पर यह आरोप है कि उन्होंने रायपुर के मैग्नेटो मॉल स्थित ह्यूमन कनेक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ चिकित्सकों, मेडिकल स्टॉफ आदि की सेवाओं के लेकर अनुबंध किया था. यह निजी कंपनी पहले से कार्य कर रही थी मगर अनुबंध बाद में किया गया. उन पर यह भी आरोप है कि हॉस्पिटल के लिए करोड़ों रुपए के उपकरण खरीदे गए. उपकरणों की खरीदी के दौरान इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया कि उसकी आवश्यकता है या नहीं. आवश्यकता अगर एक मशीन की थीं तो कई गुना अधिक मशीन खरीदी गई. गौरतलब है कि डाक्टर गुप्ता के खिलाफ डीकेएस हॉस्पिटल के अधीक्षक केके सहारे ने इसी महीने 15 मार्च को एफआईआर दर्ज करवाई है. एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों में आवाजें उठ रही है. देश-प्रदेश के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर कोई साधारण व्यक्ति होता तो पुलिस अब तक उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज देती, लेकिन वे पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद है इसलिए पुलिस के हाथ-पांव कांप रहे हैं. इधर पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर ने अपना मोर्चा डॉट काम को बताया कि गिरफ्तारी के लिए पुख्ता सबूत जुटा लिए गए हैं. जल्द ही पुनीत गुप्ता की गिरफ्तारी हो सकती है.
डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अधीक्षक रहने के दौरान पुनीत गुप्ता ने कई तरह की गड़बड़ियों को अंजाम दिया था. उन पर यह आरोप है कि उन्होंने रायपुर के मैग्नेटो मॉल स्थित ह्यूमन कनेक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ चिकित्सकों, मेडिकल स्टॉफ आदि की सेवाओं के लेकर अनुबंध किया था. यह निजी कंपनी पहले से कार्य कर रही थी मगर अनुबंध बाद में किया गया. उन पर यह भी आरोप है कि हॉस्पिटल के लिए करोड़ों रुपए के उपकरण खरीदे गए. उपकरणों की खरीदी के दौरान इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया कि उसकी आवश्यकता है या नहीं. आवश्यकता अगर एक मशीन की थीं तो कई गुना अधिक मशीन खरीदी गई. गौरतलब है कि डाक्टर गुप्ता के खिलाफ डीकेएस हॉस्पिटल के अधीक्षक केके सहारे ने इसी महीने 15 मार्च को एफआईआर दर्ज करवाई है. एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर सोशल मीडिया सहित अन्य माध्यमों में आवाजें उठ रही है. देश-प्रदेश के कई सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर कोई साधारण व्यक्ति होता तो पुलिस अब तक उसे जेल की सलाखों के पीछे भेज देती, लेकिन वे पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद है इसलिए पुलिस के हाथ-पांव कांप रहे हैं. इधर पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर ने अपना मोर्चा डॉट काम को बताया कि गिरफ्तारी के लिए पुख्ता सबूत जुटा लिए गए हैं. जल्द ही पुनीत गुप्ता की गिरफ्तारी हो सकती है.