जनता कर्फ्यू में सभी शामिल हो , मानवता की रक्षा के लिए जरूरी
यह बात बिल्कुल सही है कि फेकू ने कोरोना की महामारी का भी राजनीतिक फायदा उठाकर अपनी गलत नीतियों की वजह से देश में आये आर्थिक संकट को जोड़ दिया, वही पहले वाला मेकअप, मांगने का स्टंट आदि आदि किया , पर “जनता कर्फ्यू” की लॉजिक जिसके सलाह पर दी गयी है वह साइंटिफिक है , पहली बार धोखे से या सही में डरकर उसने जाति धर्म की नही मानवता की चिंता की है । इसलिए आप सभी इसे गम्भीरता से लें । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनता कर्फ्यू के अभियान का स्वागत किया है ।
रविवार की सुबह 7:00 से रात 9:00 बजे तक का जनता कर्फ्यू कितना साइंटिफिक है, यह इस तरह से समझते हैं कि।
यह कर्फ्यू रविवार से नहीं बल्कि यह शनिवार रात से ही स्टार्ट हो जाएगा क्योंकि काफी कम संख्या में लोग रात में निकलते हैं तो शनिवार की रात से ही लोग अपने घरों में छुट्टी की मूड में आ जाएंगे। जो सोमवार सुबह तक लोग अपने घरों में रहेंगे।
इस प्रकार यह कुल 37 घंटे का कर्फ्यू हो जाएगा।
अतः जो लोग अपने शरीर पर वायरस कैरी कर रहे हैं, और संक्रमित नहीं हुए हैं, वाइरस की चेन टूट जाएगी, क्योंकि अगर वाइरस कोई नया शरीर नहीं पाएगा तो वह 24 घंटे में मर जाएगा। इस प्रकार करोड़ों लोगो की वह चेन टूट जाएगी जो वाइरस को सर्फेस पे लेकर घूम रहे थे, इस प्रकार अगला शरीर नहीं मिलने पर करोड़ों लोग संक्रमण से बच जाएंगे जो सोमवार को संक्रमित होने जा रहे थे।
इस प्रकार संक्रमण की इस साइकल को तोड़ने से संक्रमण की गति बाधित हो जाएगी, और इस प्रकार वो 90% लोग सुरक्षित हो जाएंगे जो संक्रमित होने जा रहे थे। हम जनता कर्फ्यू से भले ही 100% सुरक्षित नहीं हो पाएंगे लेकिन संक्रमण के दर को काफी हद तक हम लोग कम कर सकते हैं।
हा ध्यान रहे ताली और थाली बजाना जरूरी नही ।