छोड़ने होंगे अब विरोध के पुराने भोथरे हो चुके औजार
कमल शुक्ला
पुरातन वादी साम्प्रदायिक ताकतों के साथ गठजोड़ से देश को बर्बाद करने वाली कार्पोरेट ताकत मजबूत हो रही है । आगे लड़ाई और कठिन होंने के संकेत मिल रहे हैं , अभी से देशव्यापी आंदोलन की रूप रेखा बनानी होगी और इसके लिए भोथरे हो चुके पुराने औजारों को शख़्त निर्णय लेते हुए छोड़ने होंगे ।
नए संचार क्रांति , तकनीक कम्प्यूटर का इश्तेमाल दक्षिणपंथी ताकतें लोगों को पीछे ले जाने के लिए इश्तेमाल कर रहे तो अब हमें भी कम्यूटर प्रयोगशाला और नई तकनीक से देश भर के लोगों समान विचार धाराओं वाले ग्रुपों को साथ जोड़कर कुछ नए औजार के साथ लड़ाई में आना पड़ेगा । अनशन , भूख हड़ताल , शांति प्रदर्शन भोथरे हो चुके हैं , या तो नई तकनीकि को जोड़कर इन्हें धारदार बनाना पड़ेगा ।
जिन नई तकनीकी को अपनाकर आज तानाशाह सरकारें किसी आंदोलन को उभरने से पहले ही तोड़ दे रहे उसे उन्ही तकनीकी से मजबूत करना होगा । अभी का समय केवल जेल जाने या शहीद होकर गौरान्वित होने का नही है । तकनीकी विशेषज्ञों व हर प्रकार की सत्ता के खिलाफ लड़ रहे जीवट साथियों का तालमेल बिठाकर योजना बद्ध लड़ाई छेड़ने का समय है । कुछ साथियों को इस तरह के समन्वय व देशव्यापी प्रशिक्षण की जवाबदारी लेनी होगी ।