अडानी को बैलाडीला खदान खोदने का ठेका रमन सरकार ने दिया था , अब भूपेश सरकार करेगी पुनर्विचार
रायपुर। बैलाडीला की डिपॉजिट नम्बर 13 अडानी को सूबे की कांग्रेस सरकार नहीं बल्कि तत्कालीन भाजपा की रमन सरकार ने दिया था. इसका खुलासा खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के परिणाम के पांच दिन पहले इस डील को फाइनल किया गया था. सीएम बघेल ने कहा कि उन्होंने इसकी फाइल नहीं देखी है. फाइल देखने के बाद वे इस मामले में पुनर्विचार करेंगे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पिछली सरकार के निर्णयों की समीक्षा की आवश्यकता है, उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वास में लेकर निर्णय क्यों नहीं लिया गया? प्रक्रिया पर पुर्नविचार की आवश्यकता की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बात का कांग्रेस ने समर्थन भी किया है.
कांग्रेस ने भी विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि टेन्डर डाक्यूमेंट एनसीएल की बोर्ड की मीटिंग में 28.07.2018 को एप्रुव किया गया. लेटर आफ इंटेट एलओआई 20.09.2018 को जारी किया गया और 6.12.2018 को हैदराबाद में एनसीएल सीएमडी, एनएमडीडी के चेयरमैन द्वारा अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किये गये जबकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने 17 दिसंबर 2018 को शपथग्रहण किया है.
कांग्रेस सरकार के द्वारा बैलाडीला मामले में प्रतिपारित की गयी समीक्षा की आवश्यकता की बात का समर्थन करते हुये प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन एवं प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी कहा है कि बिना लोगो को विश्वास में लिये जिस हड़बड़ी में बैलाडीला का आबंटन आडानी को किया गया वह संदेह को जन्म देता है।
अडानी को बैलाडीला खदानों के तेरहवें निक्षेप को दिये जाने की महत्वपूर्ण तिथियां जारी करते हुये प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन एवं प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि टेन्डर डाक्यूमेंट एनसीएल की बोर्ड की मीटिंग में 28.07.2018 को एप्रुव किया गया. लेटर आफ इंटेट एलओआई 20.09.2018 को जारी किया गया और 6.12.2018 को हैदराबाद में एनसीएल सीएमडी, एनएमडीडी के चेयरमैन द्वारा अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किये गये जबकि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने 17 दिसंबर 2018 को शपथग्रहण किया है.