अडानी को 13 नम्बर खदान बिना ग्रामसभा की अनुमति के दिये जाने के खिलाफ हजारों आदिवासी हो रहे लामबंद
जल-जंगल और पहाड़ को खदान खुलने से होगा नुकसान
आदिवासी देवी देवताओं के अपमान की भी शिकायत
सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों से भी आना जारी है भीड़
दंतेवाड़ा – आज नेशनल मिनरल डेबलपमेंट कार्पोरेशन के 13नम्बर खदान को गुप-चुप-अडानी को दिए जाने के विरोध में जिले के आदिवासी खोलेंगे मोर्चा। रैली व मोर्चे में शामिल होने बीजापुर , दंतेवाड़ा व सुकमा जिले से 50 हजार से अधिक आदिवासी किरन्दुल के लिए निकल चुके हैं ।
संयुक्त पंचायत ” जन संघर्ष समिति”
बैलाडिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा के बैनर में हो रहे इस आंदोलन को सर्व आदिवासी समाज , आदिवासी किसान सभा और कई आदिवासी संगठनों के समर्थन दिए जाने की खबर है । इस आंदोलन में आदिवासी नेत्री सोनी सोढ़ी , भाकपा के मनीष कुंजाम ,दीपक कर्मा ( बंटी )सर्व आदिवासी समाज के प्रकाश ठाकुर सहित बड़े आदिवासी नेता भी शामिल हो सकते हैं । इस मुद्दे को लेकर माओवादियों की ओर से भी कई बार विज्ञप्ति जारी की गई है अतः इस आंदोलन को उनके समर्थन मिलने की भी सम्भावना है ।
ज्ञात हो कि लोकसभा और विधान सभा चुनाव के पहले गुप्-चुप ढंग से एनएमडीसी ने 13 नम्बर खदान को अडानी को सौंप दिया , जबकि अभी तक इस बात की सार्वजनिक घोषणा नही की गई है । विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने भी इसे स्थानीय स्तर पर मुद्दा बनाया था , पर अब चुनाव के बाद उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है ।
संयुक्त पंचायत ” जन संघर्ष समिति”बैलाडिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा द्वारा एसडीएम को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि निक्षेप 13 के जंगल और पहाड़ उनके देव स्थल है और इसे वे गुपचुप ढंग से बिना ग्रामसभा के अनुमति से अडानी को दिए जाने के खिलाफ है । उन्होंने बताया कि इसके पहले भी 2 मार्च को 25 हजार से अधिक आदिवासियों ने किरन्दुल में इकट्ठा होकर इसका विरोध कर प्रदेश और केंद्र सरकार तक अपना विरोध दर्शाया , पर उनकी नही सुनी गई । इसलिए अब 7 जून से फिर से आदिवासी निर्णायक आंदोलन के लिए किरन्दुल में इकट्ठा हो रहे हैं ।
किरन्दुल से निशु त्रिवेदी की रिपोर्ट