वन विभाग के फरमान से तेंदूपत्ता संग्राहकों में मायूसी
बस्तर के आदिवासियों के लिए तेंदूपत्ता प्रकृति की एक ऐसी देन है जिस पर आदिवासियों की पूरी अर्थ व्यवस्था टिकी हुई है । तेंदूपत्ता को हरा सोना के नाम से भी जाना जाता है ।
कूकानार क्षेत्र में इन दिनों तेंदूपत्ता तोड़ाई का कार्य जोरो पर चल रहा है ,परन्तु जहां संग्राहको में तेंदूपत्ता को लेकर खुशी देखी जा सकती है वही वन विभाग के एक फरमान से हजारों संग्राहको में मायूसी छा गई है । संग्राहको के कथनानुसार वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा संग्राहको को तेंदूपत्ता खरीदी हेतु मात्र तीन दिन का समय दिया गया हैं जबकि क्षेत्र में तेंदूपत्ता 150 से 200 एकड़ के एरिया में बहुतायत मात्रा में हुआ है ,क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता आयता मंडावी,हिड़मा राम,टाँगररास की सरपंच सुकड़ी बाई , मुन्ना,हांदा,जोगा, फ़डमुंशी लखमा,मंगली,बुधराम आदि लोगों ने कहा कि शासकीय खरीदी होने के कारण अभी तक कोई भी आकर हम लोगो को पत्ता का दर भी नही बताया है । शासन ने चार हजार रु की घोषणा की थी उसका इंतजार है ,पहले ठेकेदारों के द्वारा खरीदी होती थी तो हम लोग दो सप्ताह तक तेंदूपत्ता तोड़ते थे जिससे हमें काफी मुनाफा होता था । शासकीय खरीदी होने से समय 3 दिन निश्चित कर दिया गया है जिससे हम लोगो का बहुत नुकसान हो जाएगा । दो सप्ताह तक हम लोगों ने पहाड़ियों में भी जाकर बूटा कटाई का कार्य किया था ,हमे तेंदूपत्ता तोड़ने हेतु भी दो सप्ताह का वक्त चाहिए,जिससे हमें उचित लाभ मिल सके ।
जंगल के बीच लगभग 60 वर्षीय हडमें कवासी एवम उसके पति पाण्डु अपने बच्चों के साथ तेंदूपत्ता तोड़ रहे थे उन्होंने कहा कि शासकीय खरीदी सही प्रक्रिया है इसमें हमारे पैसे डूबने का कोई खतरा नही रहता ठेकेदारी में कई बार हमारे मेहनताने की राशि डूब गई है इस चिलचिलाती गर्मी में हम लोग सपरिवार तोड़ाई का कार्य करते है परन्तु मात्र तीन दिनों में तेंदूपत्ता पूरी तरह से नही तोड़ा जा सकता है जिससे हम लोगों का बहुत नुकसान होगा ।
तेंदूपत्ता तोड़ाई की समय सीमा बढाने की मांग
इस क्षेत्र के आदिवासी समाज के नेता आयताराम मंडावी एवम हिड़माराम कुंजाम ने शासन से तेंदूपत्ता तोड़ाई की समय सीमा दो सप्ताह एवम तेंदूपत्ता की शासकीय दर के बारे में जानकारी देने की अपील की है जिससे संग्राहको के बीच फैली असमंजस की स्तिथि को दूर किया जा सके । आपको बता दे कि ग्राम टाँगररास का तेंदूपत्ता फड़ कूकानार अ समिति के अंतर्गत आता है व गत वर्ष इकत्तीस सौ संग्राहको ने यह कार्य किया था ।
इस सम्बंध में वनमण्डलाधिकारी सुकमा के.आर.बढई से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि
मौसम एवम संसाधन की व्यवस्था को देखते हुए तेंदूपत्ते की गुणवत्ता को देखकर जब तकज लक्ष्य पूर्ण नही हो जाता है क्रय किया जावेगा
संजय सिंह की रिपोर्ट कूकानार सुकमा से