रायगढ़। देश मे मानव तस्करी से जुड़े अपराधों के लिए सबसे अधिक संवेदनशील माने जाने वाले रायगढ़ और जशपुर जिले से मानव तस्करी से जुड़ी एक नई घटना प्रकाश में आई है। घटना के सम्बंध में मिली जानकारी के अनुसार जशपुर जिले के बागबहार थाना अंतर्गत ग्राम कर्रा जोर के रहने वाली 16 वर्षीय नाबालिग पीड़िता कु.कांती कुजूर (परिवर्तित नाम) को आज से लगभग एक साल पहले तोलमा निवासी पीड़िता का जीजा घसनु एक्का अपने महिला सहयोगी सुकनी एक्का एवं जगतु एक्का निवासी सोना जोरी के साथ मिलकर पीड़िता को बहला फुसलाकर देश की राजधानी दिल्ली ले जाकर महज कुछ हजार रुपयों में एक कोठे में ले जाकर बेच दिया था।
इसके बाद तकरीबन एक साल तक मानसिक शारीरिक यातना झेलने के बाद पीड़िता किसी तरीके से निजामुद्दीन स्टेशन पहुंच कर दिनांक 20 अप्रैल 2019 को गोंडवाना एक्सप्रेस में रायगढ़ आने के लिए S-9 बोगी में बैठ गई। मथुरा से ट्रेन में बैठे एक दम्पत्ति ने उसकी सहायता की, इसके बाद रायपुर स्टेशन से रायगढ़ आने वाले पत्रकार साथी चन्द्रशेखर डनसेना को पीड़िता के सम्बंध में जानकरी देते हुए उन्हें सकुशल रायगढ़ स्टेशन तक पीड़िता को पहुंचाने की अपील की और वे तिल्दा स्टेशन में उतर गए। वहां से पीड़िता को सकुशल रायगढ़ लाना उनकी जिम्मेदारी थी।
पीड़िता :- आज से एक साल पहले मेरे जीजा ने मुझे बहला कर उसकी महिला साथी जो वर्तमान में दिल्ली में ही रहती है और एक अन्य व्यक्ति की सहायता से दिल्ली ले जाकर किसी कोठे में बेच दिया था। वहाँ मुझ जैसी कई और लड़कियां भी भी है। वहां हमसे अनचाहा काम करवाया जाता था। कोठे में खाने और दूसरी जीवन उपयोगी चीजों से हमे वंचित रखा जाता था। मैं एक साल तक अमानवीय यातना झेलने के बाद किसी तरह साहस कर दिनांक 20 अप्रैल 2019 को उनके चंगुुुल से भाग आयी। मुझे डर है कि वे लोग मेरा पता लगाकर मुझे फिर से परेशान करेंगे।
क्या कहते है चंदशेखर डनसेना (फ़ोटो जनर्लिस्ट) – मैं रामकृष्ण हॉस्पिटल से अपने ससुर जी का इलाज करवाकर वापस रायगढ़ आने के लिए गोंडवाना एक्सप्रेस में s 9 में बैठा ही था कि तिल्दा उतरने वाले दम्पति ने पीड़िता के सम्बंध में जानकारी दी उक्त दम्पति और रेल कर्मचारियों की सहायता से पीड़िता रायपुर तक आ पाई थी। उसकी हालात काफी खराब थी। वह डरी हुई और भूखी थी। हमने उसे भरोसा दिलाया और भोजन करवाने के बाद आप पत्रकार साथियों को सूचना देने के बाद जी आर पी रायगढ़ में पीड़िता को पहुंचा दिया हूँ। पत्रकारों से चर्चा के दौरान चन्द्रशेखर ने बताया कि पीड़िता जब ट्रेन में उन्हें मिली तो वह काफी डरी हुई थी। बार – बार अपने माता-पिता को याद कर रो रही थी। ट्रेन में मिले दम्पति और रेल कर्मियों की अपील पर मैनें पीड़िता की मदद की साथ हो पीड़िता के गांव में उसके सरपंच से सम्पर्क किया और माँ-पिता को जानकरी भी भेजी है। पीड़िता ने उन्हें बताया है कि उसके सगे दीदी-जीजाजी रायगढ़ जिला मुख्यालय के बोईरदादर मुहल्ले में रहते हैं।। ।
बाल कल्याण समिति की पूर्व अध्यक्षा जस्सी फिलिप पहुंची स्टेशन – वहीं पत्रकारों से मुखातिब होते हुए पूर्व अध्यक्ष बाल कल्याण समिति एवं रिहैब फॉउंडेशन अध्यक्ष जस्सी फिलिप ने कहा कि – मुझे जैसे ही पता चला कि रायगढ़ स्टेशन में एक नाबालिग लड़की जिसे दिल्ली में बेचा गया था, वो गोंडवाना एक्सप्रेस से शहर वापस आ रही है। तो मै उसकी सहायता करने के उद्देश्य से यहाँ आई हूं। आगे मेरा प्रयास होगा कि यहां जी आर पी रायगढ़ में कार्रवाही के बाद पीड़िता को बाल कल्याण समिति तक पहुंचा दिया जाए। जिसके बाद समिति इसके परिजनों से सम्पर्क करेगी और दोषियों के विरुद्ध एफआईआर की प्रक्रिया भी की पूरी की जाएगी। वही पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि देश के दूसरे राज्यो से उस जैसी कई और लड़कियां वहां दिल्ली के कोठे में फंसी हुई हैं।